
खाजूवाला, पंजाब से जैसलमेर व मोहनगढ़ खेतों में मजदूरी करने आए मजदूरों ने कभी ऐसा नहीं सोचा होगा कि उन्हे वापस पैदल अपने घर जाना पड़ेगा। घर जाने की चाहत कुछ इस कदर इन मजदूरों को सीर पर चढ़ी हुई है इन्हे अपने पैरों में पड़े हुए छाले भी अब नजर नहीं आ रहे है। इन्हे सिर्फ और सिर्फ अपने घर वापसी जाने का रास्ता नजर आ रहा है। इसकी प्रवाह किये बिना लगातार मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। गुरूवार को पंजाब के डेढ़ दर्जन मजदूर खाजूवाला पहुंचे। मजदूरों को जाट धर्मशाला में ठहराया गया।पंजाब से जैसमेर जिले में मजदूरी करने गये मजदूरों को अब अपने घर का रास्ता दिख रहा है और वे पिछले एक माह से अधिक समय तक खेतों में गेहूं तथा चना की फसल कटाई करने के बावजूद भी बिना थकान महसूस किए लगातार चल रहे हैं। ऐसे ही 18 मजदूरों का झुण्ड खाजूवाला पहुंचा। जो पिछले तीन दिनों से पैदल चलते-चलते गुरूवार को खाजूवाला पहुंचे। खाजूवाला पुलिस थाना चौराहा पर पहुंचे तो पुलिस ने सुध लेते हुए 18 लोगों को जाट धर्मशाला में ठहराया। ज्ञात रहे जैसलमेर के मोहनगढ़, रामगढ़ तथा नाचना क्षेत्र में पिछले लगभग एक माह से अधिक समय से हजारों की संख्या में मजदूर वर्ग पंजाब, हरियाणा, श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ से पहुंचे हुए हैं, जो अब फसल कटाई समाप्त होने पर अपने घर जाना चाहते हैं। लोकडाउन होने की वजह से सहमे ये मजदूर सोच रहे हैं कि अगर हम रास्ते में ही अटके रहे तो पता नहीं घर कब पहुंचेगे, इसी सोच के साथ ये लोग पैदल चलने को मजबूर हैं। इनके पैदल चलने पर उस फिल्मी गीत के पंकिया याद हैं, हम तो ठहरे प्रदेशी, तुम साथ क्या निभाओगे। मजदूरों का कहना है कि कुछ अच्छे किसान और सेठ थे, जिन्होंने मजदूरों को रोकने का प्रयास किया लेकिन कुछ किसान और सेठ काम करवाया और हमें सड़कों पर चलने को मजबूर कर दिया। फरीदकोट जिला के करनैलसिंह, कमरजीत, जीवणसिंह, प्रीतमकौर, लखवीरसिंह, रेशमसिंह, राणो, रामचन्द्र, फाजिल्का जिला के अजीतसिंह, जगदीशसिंह, करणतेज, धीरजकुमार, ओमप्रकाश तथा मुक्तसर जिला के गुरप्रीत, मुख्तयार, लवप्रीत, बलविन्द्रसिंह, अमनदीप आदि गुरूवार को पुलिस थाना चौराहा पहुंचे। इनमें 65 वर्ष से अधिक तथा कम उम्र के नौजवानों ने अपनी पीड़ा सुनाई। बुजुर्गों का पैदल चल-चल कर बुरा हाल था वहीं युवाओं के पैरों में छाले पड़ गए है। जाट धर्मशाला में सभी को पहुंचाया गया तथा चाय, खाने और रहने की व्यवस्था धर्मशाला के पदाधिकारियों द्वारा की गई।
