











खाजूवाला, सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को डोडा पोस्त व अफीम का नशा तेजी से आदि बना रहा है। मेडिकेटेड नशे को लेकर यहां पर स्थिति और भी भयानक बनती जा रही है। इसका प्रमाण सीमावर्ती जिले में बढ़ते नशा मुक्ति केंद्र व उन में भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या है।
पिछले कुछ समय से नशा मुक्ति केंद्रों में सर्वाधिक डोडा पोस्त व मेडिकेटेड नशे के रोगी भर्ती हो रहे हैं, अन्य तरह के नशा रोगियों की तादात इन के तुलनात्मक रूप से कम रहती है। जानकारों की माने तो इसका नशा बहुत ही घातक है, इसके रोगी कुछ ही महीनों में काल का ग्रास बन जाते हैं।
हेरोइन तस्करी व बरामदगी मैं इस साल सवा सौ गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। बाजार में खपने से पहले डोडा पोस्त बरामद करने के लिए पुलिस की पीठ थपथपाई है, मगर डोडा पोस्त की खपत बढ़ती व बरामदगी खतरे की घंटी बजा रही है।
साल 2018 में 364 किलोग्राम व साल 2019 में 597 किलोग्राम व साल 2021 में 352 किलोग्राम माल की बरामदगी हुई है। एक नजर से देखा जाए तो यह सिर्फ बरामदगी का माल है सप्लायर्स द्वारा माल जो नशेड़ीओ तक पहुंचाया जाता है, उसकी मात्रा का अंदाजा लगाना मुश्किल है।

 
 