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खाजूवाला, इंदिरा गांधी मुख्य नहर के राजस्थान व पंजाब भाग में रीलाइनिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। यह कार्य पूर्ण होने पर जहां पंजाब के नहरी क्षेत्रों में सेम समस्या कम होने की उम्मीद है। वहीं राजस्थान की नहरों को तय शेयर के अनुसार पानी मिलने की आस है। विभागीय अधिकारियों का यह दावा भी है कि रीलाइनिंग कार्य पूर्ण होने पर 1100 क्यूसेक पानी की छीजत खत्म होगी। इसका फायदा राजस्थान को होगा।

अभियंताओं के दावों के बीच जमीनी हकीकत यह है कि रीलाइनिंग कार्य पर बड़ा बजट खर्च करने के बाद भी राजस्थान को इसका समुचित लाभ नहीं मिल सकेगा। नहर की क्षमता बढ़ने के बावजूद हरिके हैड वर्क्स की क्षमता इस समय काफी कम की गई है। नहर की तय डिजाइन के अनुसार इसकी क्षमता 18 हजार क्यूसेक पानी लेने की है। लेकिन हरिके हैड वर्क्स से 13 हजार क्यूसेक पानी भी मुश्किल से चलाया जा रहा है। मानसून सीजन में भी सरप्लस पानी का लाभ राजस्थान को मिलना मुश्किल होगा और पानी को हरिके डाउन स्ट्रीम के जरिए पाकिस्तान भेज दिया जाएगा।

हरिके हैड वर्क्स की क्षमता बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ढाई वर्ष पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री से मिलकर विकल्प तैयार करने का निर्णय लिया था। इसके बाद पंजाब सरकार ने इस पर मॉडल स्टडी करवाकर इसकी रिपोर्ट के अनुसार हैड वर्क्स से पानी की क्षमता बढ़ाने की बात कही थी लेकिन लंबे समय बाद भी अब तक पंजाब ने रिपोर्ट राजस्थान को नहीं सौंपी है। मॉडल स्टडी की कछुआ चाल से राजस्थान का हित प्रभावित हो रहा है। हालांकि राजस्थान के अभियंताओं का दावा है कि मॉडल स्टडी पूरी हो गई है। जल्द इसकी रिपोर्ट राजस्थान को मिलने के बाद हरिके हैड वर्क्स की क्षमता बढ़ाने पर विचार किया जाएगा लेकिन रिपोर्ट कब तक मिलेगी, इसकी निर्धारित तिथि अभियंता नहीं बता रहे हैं। जानकारों का कहना है कि राजस्थान सरकार हरिके हैड वर्क्स की क्षमता बढ़ाने को लेकर गंभीरता दिखाए। हैड वर्क्स की क्षमता बढ़ाने को लेकर नए विकल्प तलाशे। ऐसा नहीं करने पर राजस्थान को करोड़ों की रीलाइनिंग कार्य का समुचित लाभ मिलना मुश्किल होगा।

यह लागत आएगी:-

राजस्थान भाग में करीब 250 करोड़ की लागत से रीलाइनिंग कार्य करवाए जा रहे हैं। पंजाब भाग में भी बड़ा बजट खर्च किया जा रहा है। इस समय दस हजार से अधिक श्रमिक नहरों पर कार्य कर रहे हैं। कुल 67 किलोमीटर में रीलाइनिंग कार्य करवाने का लक्ष्य है। पहले तीस दिन की पूर्णबंदी लेकर कार्य करवाने की बात अधिकारी कह रहे थे। लेकिन पेयजल संकट के चलते अब पूर्ण बंदी अवधि को 25 दिन कर दिया गया है।

नहर की 80 वर्ष बढ़ जाएगी मियाद:-

नहर रीलाइनिंग कार्य में जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ कार्यालय के अधीन करीब 240 अभियंताओं को लगाया गया है। अभियंताओं की टीम नियमित रूप से कार्य की निगरानी में लगी है। कई जगह प्लांट भी बनाए हुए हैं। जहां गुणवत्ता जांचने का काम चल रहा है। नए डिजाइन से हो रहे रीलाइनिंग के बाद नहर की मियाद 70-80 वर्ष बढ़ने की बात अभियंता कह रहे हैं। जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा ने रीलाइनिंग कार्य स्थलों पर जाकर गुणवत्ता जांची। छतरगढ़ अधीक्षण अभियंता राम सिंह, अधिशासी अभियंता लखपत राय मेहरड़ा सहित अन्य सिंचाई विभाग अधिकारी व कार्मिक मौजूद रहें।

मॉडल स्टडी की रिपोर्ट तैयार होने पर ही राहत:-

राजस्थान के करीब बारह जिलों को जलापूर्ति करने वाली इंदिरा गांधी मुख्य नहर के रीलाइनिंग का कार्य इस समय पर परवान पर चल रहा है। प्रदेश में औसत बारिश की बात करें तो लगातार कमी आ रही है। राजस्थान की गत भाजपा सरकार ने रीलाइनिंग कार्य करवाने को लेकर सजगता दिखाई थी और तत्कालीन जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप के प्रयास से रीलाइनिंग प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था। इसके बाद कांग्रेस के सत्ता में आने पर सीएम अशोक गहलोत ने भी नहरी समस्याओं के समाधान को लेकर सजगता दिखाई। पंजाब के सीएम के साथ गहलोत ने बैठक करके हरिके हैड वर्क्स की क्षमता बढ़ाने को लेकर चर्चा की थी। इसके बाद क्षमता बढ़ाने को लेकर विकल्प खोजने की कोशिशें भी शुरू हुई। मॉडल स्टडी रिपोर्ट के आधार पर क्षमता बढ़ाने का विचार भी आया लेकिन अभी तक स्टडी रिपोर्ट राजस्थान को नहीं मिल पाई है। सरकार स्तर पर प्रयास होंगे। तभी नहरी जिले के किसानों को रीलाइनिंग कार्य का समुचित लाभ मिल सकेगा। नहीं तो करोड़ों खर्च करने के बाद भी मानूसन सीजन में पाकिस्तान क्षेत्र में पानी बहता रहेगा।