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राजस्थान में टोल टैक्स महंगा, आधी रात से लागू होंगी नई दरें; जानें नई दरें

R.खबर ब्यूरो। राजस्थान में सफर करने वाले वाहन चालकों को अब जयपुर-अजमेर हाईवे पर अधिक टोल टैक्स चुकाना होगा। जानकारी के अनुसार नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने 1 अप्रैल से टोल दरों में बढ़ोतरी कर दी है, जिससे विभिन्न श्रेणियों के वाहनों पर 10 रुपये से लेकर 70 रुपये तक का अतिरिक्त भार पड़ेगा। यह नई दरें आज आधी रात 12 बजे से लागू होंगी।

नई दरों से वाहन चालकों की जेब पर असर:-

जयपुर-अजमेर हाईवे पर दो प्रमुख टोल प्लाजा- ठिकरिया और बड़गांव-किशनगढ़ स्थित हैं, जहां टोल टैक्स की दरों में बढ़ोतरी की गई है। नई दरों के मुताबिक ठिकरिया टोल प्लाजा पर कार के लिए 85 से 95 रुपये, हल्के कमर्शियल वाहन और मिनी बस के लिए 140 से 155 रुपये, बस एवं ट्रक के लिए 295 से 330 रुपये, 3XL वाले कमर्शियल वाहन के लिए 320 से 360 रुपये, हैवी व्हीकल (4 से 6 एक्सल) के लिए 460 से 515 रुपये और 7 एक्सल से अधिक के वाहन के लिए 560 से 630 रुपये तय किए गए हैं। वहीं, बड़गांव-किशनगढ़ टोल पर कार के लिए 55 से 60 रुपये तय किए गए हैं।

इस बढ़ोतरी के बाद जयपुर से किशनगढ़ तक कार से यात्रा करने वालों को पहले जहां ₹140 चुकाने पड़ते थे, अब उन्हें 155 रुपये देना होगा। इसी तरह हल्के कॉमर्शियल वाहन और मिनी बसों का टोल 225 से बढ़कर 240 रुपये हो गया है।

जयपुर-किशनगढ़: देश का सबसे व्यस्त हाईवे:-

बताया जा रहा है कि जयपुर-किशनगढ़ हाईवे देश के टॉप-10 सबसे व्यस्त हाईवे में गिना जाता है। इस हाईवे पर रोजाना औसतन 33,000 से ज्यादा वाहन गुजरते हैं, जिनसे टोल वसूला जाता है। बढ़ी हुई टोल दरें वाहन चालकों की जेब पर सीधा असर डालेंगी। इसके अलावा, जयपुर में दक्षिणी रिंग रोड पर भी टोल टैक्स बढ़ाने की योजना है, हालांकि अभी इसकी नई दरों की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

फ्लाईओवर निर्माण के नाम पर बढ़ाया टोल:-

एनएचएआई का कहना है कि टोल दरों में बढ़ोतरी इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार परियोजनाओं की वजह से की गई है। अजमेर रोड पर पिछले चार वर्षों में कुल 10 फ्लाईओवर बनाए जा चुके हैं, जिनमें शामिल हैं- भांकरोटा, हीरापुरा, दहमीकलां, महलां, नर्सिंगपुरा, गाडोता, सावरदा, पाडासोली, मोखमपुरा और बांदर सिंदरी हैं।

एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि हर साल 1 अप्रैल से टोल दरों में संशोधन किया जाता है और इस बार भी निर्धारित प्रक्रिया के तहत यह बढ़ोतरी की गई है। उनका दावा है कि उच्च रखरखाव लागत और नए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास कार्यों के चलते टोल बढ़ाना जरूरी हो गया था।