जैसलमेर, बेहतर जिंदगी जीने और धार्मिक आजादी की चाह में पाकिस्तान के घोटकी जिले से निकले 17 वर्षीय रवि कुमार और उसकी 15 वर्षीय पत्नी शांति बाई की थार के रेगिस्तान में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि रवि बीते डेढ़ वर्ष से भारत का धार्मिक वीजा पाने के लिए आवेदन कर रहा था, लेकिन अस्वीकृति मिलने के बाद उसने सीमा पार करने का दुस्साहस किया। वह पत्नी को साथ लेकर 50 किलोमीटर का रेतीला रास्ता पैदल तय करते हुए जैसलमेर सीमा में दाखिल हो गया, लेकिन भीषण गर्मी और पानी की कमी ने दोनों की जान ले ली। दोनों के शव जैसलमेर के साधेवाला क्षेत्र में तारबंदी से करीब 12 किलोमीटर अंदर एक निर्जन स्थान पर मिले। पास मिले पाकिस्तानी पहचान पत्रों से उनकी शिनाख्त हुई। दस्तावेज के अनुसार रवि का जन्म 3 जनवरी 2008 और शांति का जन्म 30 जुलाई 2010 को हुआ था। पहचान पत्रों के पीछे उर्दू में कुछ पंक्तियां भी लिखी थीं। जानकारी के मुताबिक दोनों ने 21 जून को घर छोड़ा था। अगले ही दिन उनके परिजनों ने पाकिस्तान में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
रामगढ़ क्षेत्र में रहने वाले रिश्तेदारों ने दोनों का अंतिम संस्कार किया। उन्हें भील समाज के श्मशान स्थल पर दफनाया गया है। सीमांत लोक संगठन के दिलीपसिंह ने बताया कि पाकिस्तान के सीमावर्ती गांवों में बड़ी संख्या में हिंदू परिवार रहते हैं, जो भारत में बसना चाहते हैं, लेकिन धार्मिक वीजा पाने में उन्हें बार-बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
क्या है धार्मिक वीजा:-
पाकिस्तान से आने वाले लोग दो तरह से आते हैं। पहला तो पर्यटक वीजा, जो आपके किसी रिश्तेदार का रेफरेंस देना होता है। दूसरा धार्मिक वीजा होता है जिसमें किसी रेफरेंस की जरूरत नहीं होती है।