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मांगों पर नहीं बनी सहमति, किसानों का धरना जारी, स्कूल में लगाया शिविर

खाजूवाला, ग्राम पंचायत 3 पीडब्ल्यूएम मुख्यालय पर मंगलवार को प्रस्तावित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय शिविर होना था। वहीं केवाईडी की 76 आरडी पर किसानों का मंगलवार को सातवें दिन भी धरना जारी रहा। मांगे पूरी नहीं होने पर किसानों ने ग्राम पंचायत मुख्यालय के तालाबंदी कर मंगलवार को 3 पीडब्ल्यूएम पंचायत मुयालय पर धरना लगाए रखा। इस बीच अधिकारियों ने किसानों से वार्ता भी की, लेकिन किसान नहीं माने, जिससे शिविर पास में ही स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 3 पीडब्ल्यूएम के भवन में शिविर आयोजित किया गया। किसानों ने यहां रोष प्रकट करते हुए पंचायत मुख्यालय के तालाबंदी कर दी और अधिकारियों व कर्मचारियों को पंचायत मुख्यालय में नहीं जाने दिया।

किसान प्रह्लाद जाखड, दौलतराम, बनवारीलाल, राकेश, सुरेंद्र, नारायण आदि ने बताया कि पावली माइनर के किसानों की ओर से मंगलवार को शिविर का बहिष्कार कर पंचायत मुयालय के तालाबन्दी कर विरोध प्रदर्शन किया। मौके पर आए अधिकारियों को किसानों ने जिला कलक्टर के नाम का ज्ञापन देते हुए मांग रखी कि पावली माइनर में लगाई गई ठोकर को हटाया जाए। गत दो वर्षों से जब भी टेल के किसानों की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया है, तब से सिंचाई विभाग के कार्मिकों की ओर से तीन बार ठोकर लगाई जा चुकी है। वहीं 61 हैड से केवाईडी की क्षमता 128 क्युसेक है। जबकि विभाग की ओर से हर बार क्षमता से अधिक पानी छोडक़र पावनी पीडब्ल्यूएम टेल का मापन किया जाता है और पानी पूरा बताया जाता है। जबकि 14.62 क्युसेक पानी का मापना तो 76 हैड से ही होना चाहिए। पावली माइनर के नवनिर्माण में अनियामितता बरती गई है। पूरा माइनर वी आकर में निर्मित है। जबकि वर्तमान माइनर यू आकार में बना है तथा माइनर का चौड़ीकरण किया गया है, जिससे 1 पीडब्ल्युएम ए, बी, 2 पीडब्ल्युएम, 3 पीडब्ल्युएम के मोघों पर पानी का दबाव नहीं रहता है और खाली चलते है। विभाग की ओर से किसानों को पावनी माइनर के मोघों के मापन की जानकारी नही दी जा रही है। विभाग की ओर से नहरों का तो निर्माण किया गया है। जबकि हैड का नवनिर्माण नहीं किया गया है, जिससे जल वितरण में अनियमितता है। केवाईडी नहर की क्षमता 128 क्युसेक है। इसमें यदि 100 क्युसेक तक पानी चलता है तो पीडब्ल्युएम के किसानों का एक बूंद भी पानी नहीं मिलता है। इसमें 1 पीडब्ल्युएम बी मोघे से आगे भारी ढ़लान है, जिससे मोघों में पानी का दबाव नहीं रहता है।

यदि 128 क्युसेक पानी चलता है तो पावली माइनर के सभी मोघों का पानी ना के बराबर है। केवाईडी नहर में 50/100/ 128 क्युसेक से पावनी माइनर को समान अनुपात में पानी मिले। विभाग की ओर से 365 हैड से पूरा पानी नहीं लिया जा रहा है, जिससे आगे टेल और माइनरो में पानी का समान वितरण नहीं किया जा रहा है। वहीं 76 हैड पर केवाईडी व पावली माइनर का बैल गेज का निर्माण हो, जिससे किसानों को पता चले कि नहर में कितना क्युसेक पानी चल रहा है व माइनर में कितना क्युसेक पानी चल रहा है। सिंचाई विभाग की ओर से नहर व पावली माइनर का डिजाइन की मूल प्रति माइनर के अध्यक्ष को उपलब्ध करवाएं। पावली माइनर का हैड 76 आरडी से हटा कर 50 फीट पीछे बनाया जाए। किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक सभी मांगों पर लिखित सहमति नही दी जाती है और समाधान नही करवाया जाता है। तब तक शिविरों और समस्त योजनाओं का बहिष्कार जारी रखेगा।

पूरे दिन चला प्रदर्शन-
खाजूवाला 3 ग्राम पंचायत मुख्यालय पर मंगलवार को शिविर का आयोजित होना था, लेकिन पिछले सात दिनों से धरने पर बैठे किसान यहां सुबह ही पहुंच गए। साथ ही किसानों ने पंचायत के मुख्य द्वार के आगे तालाबंदी कर दी और किसानों ने प्रदर्शन किया। किसान यहां शाम 6 बजे तक बैठे रहे। शिविर में आए अधिकारियों ने किसानों के साथ एक घंटे तक वार्ता की, लेकिन वार्ता विफल रही। यहां किसान एक बार प्रशासन के अधिकारियों से उलझते हुए भी दिखाई दिए। उसके बाद राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिविर का आयोजन किया गया। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस जाब्ता भी बुलाया गया। किसानों के विरोध के चलते लोग परेशान हुए। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नीतीश नागर, नायब तहसीलदार मोहनलाल, बीडीओ कृष्ण कुमार ने वार्ता की। शिविर दोपहर 2 बजे शुरू हुआ।