Rajasthan: गांव-गांव में खुलेंगे आयुष औषधालय, आयुष नीति-2025 में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में सरकार

Rajasthan: गांव-गांव में खुलेंगे आयुष औषधालय, आयुष नीति-2025 में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में सरकार

R.खबर ब्यूरो। राजस्थान, राज्य सरकार ने प्रदेश में संशोधित आयुष नीति-2025 जारी करने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि आयुष विभाग ने इसका प्रारूप जारी किया है। जिसमें पहली बार इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को भी शामिल किया गया है। आयुष चिकित्सा पद्धतियों में मुख्य रूप से आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी शामिल है।

बता दें कि यूनानी और होम्योपैथी पद्धति अन्य देशों से भारत में आई और समय के साथ भारत में विकसित होकर समृद्ध हुई। शेष चारों प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियां हैं। उक्त चिकित्सा पद्धतियों के अतिरिक्त वर्ष 2018 में राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति अधिनियम पारित किया गया। एक मई 2025 को गजट नोटिफिकेशन जारी कर इसके पहले बोर्ड का गठन किया गया था।

जयपुर में स्थापित होगा आयुष शिक्षा निदेशालय:-

नीति में इलेक्ट्रोपैथी को शामिल करने के साथ अब राज्य में इलेक्ट्रोपैथी के शिक्षण, प्रशिक्षण, पंजीयन पर कार्य शुरू करने की बात कही गई है। राज्य में वर्ष 2021 में आयुष नीति जारी की गई थी। अब संशोधित नीति में इलेक्ट्रोपैथी को शामिल करना सबसे महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है। इसके अलावा एक से अधिक आयुष अस्पतालों वाले स्थानों पर आवश्यकतानुसार समानीकरण और जयपुर में आयुष शिक्षा निदेशालय स्थापित करने का उल्लेख किया गया है।

नीति के प्रमुख प्रावधान:-

जानकारी के अनुसार संशोधित नीति में भी ग्राम पंचायत स्तर पर औषधालय, जिला व ब्लॉक स्तर पर विशेषज्ञ सेवाएं, वंचित जिलों व ब्लॉक में आयुष अस्पताल, गैर संक्रामक रोग, बीपी, डायबिटीज, हृदय, कैंसर रोग निदान के लिए सुविधाएं, सरकारी आयुष कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 14 पीजी कोर्स, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस की तरह बीएनवाइ कोर्स में नीट से प्रवेश शुरू करने की बात कही गई है।

आयुष के तहत होंगे ये कोर्स:-

बताया जा रहा है कि इसके अलावा आयुष अस्पतालों में सोनोग्राफी और सीटी स्कैन सुविधा, बीफार्मा आयुर्वेद, एम फार्मा आयुर्वेद और डी फार्मा कोर्स, राजस्थान आयुर्वेद विवि जोधपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयुर्वेद शोध केन्द्र, केन्द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान से राज्य औषधि निर्माण व विपणन निगम की स्थापना आदि का उल्लेख किया गया है।

आयुर्वेद विशेषज्ञों ने किया विरोध:-

अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद एवं योग विकास परिषद के सचिव डॉ. विमलेश विनोद कटारा ने इलेक्ट्रोपैथी को आयुष में शामिल करने का विरोध करते हुए कहा कि अभी राज्य में इलेक्ट्रोपैथी का एक कॉलेज है। अभी इस पैथी को मान्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि आयुष के नाम पर किसी भी पैथी को शामिल करना उचित नहीं है।

होम्योपैथी चिकित्सा परिषद ने किया स्वागत:-

वहीं, इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया ने इलेक्ट्रोपैथी को आयुष में शामिल किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि इलेक्ट्रोपैथी पर राजस्थान सरकार की ओर से पिछले तीन दशकों से गहन अध्ययन किया गया है।