Rajasthan: राजस्थान में दिव्यांग कोटे का फर्जी खेल, SOG जांच में पकड़े गए 24 फिट सरकारी कर्मचारी

Rajasthan: राजस्थान में दिव्यांग कोटे का फर्जी खेल, SOG जांच में पकड़े गए 24 फिट सरकारी कर्मचारी

R.खबर ब्यूरो। राजस्थान, प्रदेश में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी नौकरी पाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार एसओजी की जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है। इसमें डॉक्टर और अन्य सरकारी अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। बता दें कि अब तक एसओजी को हेल्पलाइन में 100 से ज़्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं।

विकलांगता प्रमाण पत्रों की जांच की गई:-

मामलों को लेकर डीआईजी परिस देशमुख ने बताया कि एसओजी को मिली शिकायतों के आधार पर एक जांच दल गठित किया गया। जिसमें सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों का बोर्ड बनाकर विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरियों में कार्यरत लोगों के विकलांगता प्रमाण पत्रों की जांच की गई। साथ ही, उनकी दोबारा मेडिकल जांच भी कराई गई। इससे पूरा खेल उजागर हुआ है।

24 लोक सेवक निकले फिट:-

जांच में पता चला कि सरकारी नौकरियों के लिए चयनित अभ्यर्थियों ने शारीरिक रूप से विकलांग न होते हुए भी फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी नौकरी हासिल की। विशेषज्ञों द्वारा इन लोगों की जांच के बाद एसओजी को 29 विकलांग लोक सेवकों की मेडिकल रिपोर्ट मिली है। बताया जा रहा है कि इनमें से पांच की विकलांगता 40 प्रतिशत या उससे अधिक है। जबकि 24 लोक सेवक विकलांग श्रेणी के लिहाज से अयोग्य पाए गए हैं।

66 की जांच रिपोर्ट का अब भी इंतजार:-

मिली शिकायत के अनुसार, संदिग्ध लोक सेवकों की पहचान कर ली गई है, अब तक कुल 66 लोक सेवकों को मेडिकल बोर्ड द्वारा पुनः जांच के लिए बुलाया गया है। कुछ लोगों की जांच अभी बाकी है और उनकी रिपोर्ट का इंतज़ार है। पहले चरण में, विकलांगता की दृष्टि से अयोग्य पाए गए 24 लोक सेवकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर विस्तृत जांच की जाएगी। इस खेल में डॉक्टर और सरकारी अधिकारी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल, जांच जारी है।