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बीकानेर: टेक्निकल कमेटी अब एक सप्ताह से ज्यादा नहीं रोक सकेगी डॉक्यूमेंट, ये है वजह

बीकानेर। टेंडरों में लेट लतीफी अब पीबीएम प्रशासन पर भारी पड़ने वाली है। संभागीय आयुक्त एवं राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी के अध्यक्ष विश्राम मीणा ने अधीक्षक से लेकर टेक्निकल कमेटी तक की जिम्मेदारी तय करते हुए एक महीने में टेंडर जारी करने के लिए पाबंद किया है। पीबीएम में पेट सीटी स्कैन, एमआरआई मशीन लगाने, दवाओं की खरीद सहित विभिन्न प्रकार के टेंडरों की प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब को संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने पीबीएम अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार वर्मा को बुलाकर टेंडर प्रक्रिया में उलझे हुए मामलों की समीक्षा की। खासकर पेट स्कैन और एमआरआई के टेंडर को लेकर हो रही देरी के लिए नाराजगी व्यक्त की।

डॉ. वर्मा ने पेट स्कैन का मामला सफाई से टाल दिया और सीटी एमआरआई का टेंडर नहीं होने के लिए टेक्निकल कमेटी को जिम्मेदार ठहराया। इस पर संभागीय आयुक्त ने कहा कि किसी तरह का टेंडर टेक्निकल कमेटी एक सप्ताह में ज्यादा नहीं रोक सकेगी। एक महीने में टेंडर जारी करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया तो कमेटी में शामिल सभी सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। दरअसल पीबीएम हॉस्पिटल में टेंडरों को लेकर बड़ा खेल है। ठेकेदार विशेष को फायदा देने के लिए शर्तों बनाई जाती हैं। टेंडर जानबूझकर लेट किए जाते हैं, जिससे ठेकेदार को कोर्ट में जाने का मौका मिल जाता है। पीबीएम प्रशासन मामला अपील और कोर्ट में पेंडिंग बताकर बच जाता है। ऐसा करने से पुराने ठेकेदार को एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन मिलता रहता है। डीडीसी पर कंप्यूटर ऑपरेटर लगाने का टेंडर भी दो महीने से अटका हुआ है।