











Rajasthan: प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, अब ऑफलाइन काम हुआ तो पट्टे होंगे शून्य, 13 सेवाओं का निस्तारण पूरी तरह ऑनलाइन अनिवार्य
R.खबर ब्यूरो। राजस्थान, स्वायत्त शासन विभाग ने एक आदेश जारी कर सभी नगर निकायों को चेतावनी दी है कि आमजन से जुड़े प्रकरणों का निस्तारण केवल ऑनलाइन किया जाए। बता दें कि यदि कोई अधिकारी इन मामलों में ऑफलाइन कार्रवाई करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ निलंबन तक होगा। जानकारी के अनुसार यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऑफलाइन जारी किए गए पट्टे, आदेश या अनुमतियां प्रारंभ से ही प्रभाव शून्य मानी जाएंगी और उनकी कोई वैधता नहीं होगी।
दरअसल, कई निकाय अधिकारी ऑफलाइन कार्रवाई करते रहे हैं। इन मुद्दों को लेकर लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें सरकार तक पहुंच रही हैं। जिसको लेकर स्वायत्त शासन विभाग ने अपने आदेश में अधिकारियों को सावधान रहने के लिए कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि वे अपना रवैया नहीं बदलते हैं तो निलंबन की कार्रवाई होगी।
ये सेवाएं पूरी तरह से ऑनलाइन:-
प्रदेश के अंदर नाम हस्तांतरण, मोबाइल टावर और ऑप्टिक फाइबर केबल की स्वीकृति, फायर एनओसी, सीवर कनेक्शन, ट्रेड लाइसेंस, भवन निर्माण स्वीकृति, साइनेंज लाइसेंस, 90 ए और लेआउट प्लान अनुमोदन, प्रॉपर्टी आइडी, उपविभाजन-पुनर्गठन, लीज होल्ड या फ्री होल्ड पट्टा जारी करना, लीज मुक्ति प्रमाण पत्र, स्ट्रीट वेंडिंग लाइसेंस। इन सेवाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन किया गया है। सरकार का कहना है कि इन कामों से जुड़ी फाइलों को ऑफलाइन नहीं लिया जाए।
ऑनलाइन काम करने के निर्देश:-
दूसरी तरफ कई निकाय अधिकारी ऑनलाइन सेवा उपलब्ध होने के बावजूद ऑफलाइन कार्रवाई करते रहे हैं। इस दौरान मोटी रकम वसूलने की शिकायतें लगातार शासन तक पहुंच रही हैं, जिसके बाद विभाग ने कड़ी चेतावनी जारी की है।

 
 