











Rajasthan: ‘तुमने जितनी इंजीनियरिंग की, उससे ज्यादा तो मैंने सड़कें बना दी…’, XEN पर बरसे ऊर्जा मंत्री
R.खबर ब्यूरो। कोटा, जिला परिषद की बुधवार को हुई बोर्ड बैठक में घटिया निर्माण कार्यों का मुद्दा प्रमुख रूप से छाया रहा। बैठक में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर सहित कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

घटिया निर्माण पर मंत्री नाराज:-
बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री नागर ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से सख्त लहजे में सवाल किया। उन्होंने कहा कि जब जेईएन, एईएन और एक्सईएन की निगरानी में काम होते हैं, तो फिर खराब सड़कों के लिए केवल ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा— “मुझे सड़क की गुणवत्ता बताने की जरूरत नहीं, तुमने जितनी इंजीनियरिंग की है, उससे ज्यादा तो मैंने सड़कें बनवा ली हैं।”
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी दो टूक कहा कि घटिया निर्माण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि कई सड़कें गारंटी पीरियड में ही टूट गई हैं। इस पर दिलावर ने अधिकारियों को प्रत्येक मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
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विभागों को दिए निर्देश:-
दिलावर ने पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों को सामग्री नियमानुसार लेने, ग्राम पंचायतों के नियमित निरीक्षण करने और ग्रामीण विकास योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल ने पंचायतीराज विभाग के तहत प्रस्तावित कार्यों को जल्द स्वीकृति और पूरा करने के आदेश दिए।
बैठक में पेयजल, बिजली, चिकित्सा, सड़क, परिवहन और कृषि से जुड़ी समस्याओं पर भी चर्चा हुई। इस दौरान एडीएम सीलिंग कृष्णा शुक्ला, प्रशिक्षु आईएएस आराधना चौहान, उपजिला प्रमुख कृष्ण गोपाल अहीर, सांगोद प्रधान जयवीर सिंह, लाडपुरा प्रधान हेमंत यादव सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
सेटेलाइट इमेज से दिलवाया जाएगा मुआवजा:-
ऊर्जा मंत्री नागर ने हाल ही में हुई बेमौसम बरसात से फसल नुकसान को लेकर कृषि अधिकारियों को सेटेलाइट इमेज के आधार पर सर्वे करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर बीमा कंपनी और आपदा प्रबंधन विभाग से किसानों को मुआवजा दिलवाने का प्रयास किया जाएगा। इस संबंध में उनकी कृषि सचिव से भी बातचीत हो चुकी है।
11 माह बाद बैठक, कांग्रेस का हंगामा:-
बैठक में कांग्रेस के जिला परिषद सदस्यों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि उनके क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर साल प्रस्ताव तो मांगे जाते हैं, परंतु बजट जारी नहीं किया जाता, जिससे जनता परेशान है।
सदस्यों ने यह भी कहा कि 11 माह बाद बैठक आयोजित की गई है, जबकि इसे हर तीन माह में होना चाहिए।
मनरेगा के अलावा अन्य कार्यों में टेंडर जरूरी:-
ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि मनरेगा के अलावा अन्य योजनाओं में भी टेंडर प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पांच साल की गारंटी के साथ ठेकेदारों से काम करवाया जाए, ताकि गुणवत्ता बनी रहे। यदि काम में कमी पाई जाए, तो ठेकेदार से वसूली की जाए। शिक्षा मंत्री दिलावर ने नागर की बात का समर्थन करते हुए गुणवत्ता आधारित कार्य करने पर जोर दिया।
“सीईओ साहब, सफाई तो एजेंडा में ही नहीं…”
बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सीईओ कमल मीणा से पूछा—सफाई तो आपकी मीटिंग के एजेंडा में ही नहीं है, जबकि यह पंचायतीराज की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत को सफाई के लिए एक-एक लाख रुपए दिए जा रहे हैं, इसलिए घर-घर से कचरा उठाने और नालियों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। दिलावर ने चेतावनी दी कि यदि ठेकेदार सफाई नहीं करेंगे, तो ग्राम पंचायत स्वयं सफाई करवाएगी।

