बज्जू से निकला ये युवा बॉलीवुड में छोड़ रहा छाप, पढ़ें सफलता की कहानी

बज्जू उपखंड के मिठड़िया गांव से ताल्लुक रखने वाले श्री बिश्नोई ने यह साबित कर दिया है कि लक्ष्य निर्धारित कर लगन और मेहनत से कार्य करो, तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी। श्री बिश्नोई ने श्रीराम राघवन की ओर से निर्देशित बहुप्रतीक्षित युद्ध ड्रामा इक्कीस से बॉलीवुड में एंट्री है। श्री बिश्नोई ने कई वर्षों तक थिएटर में अभिनय किया। जहां उन्होंने अभिनय, समय और यथार्थवाद की एक मज़बूत नींव रखी। मंच से पर्दे तक का उनका सफ़र अभिनय में सच्चाई के प्रति समर्पित एक कलाकार के अनुशासन और ईमानदारी को दर्शाता है, उन्हें बड़ा ब्रेक तब मिला जब उन्हें फिल्म ‘इक्कीस’ में जैसलमेर के एक बहादुर सैनिक पराग सिंह की भूमिका मिली। यह फिल्म भारत के सबसे कम उम्र के परमवीर चक्र विजेता सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल की प्रेरणादायक सच्ची कहानी पर आधारित है। अभिनेता श्री बिश्नोई असल ज़दिंगी के टैंक ड्राइवर सूबेदार पराग सिंह का किरदार निभा रहे हैं, जिन्होंने वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में अरुण खेत्रपाल के साथ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी। ‘इक्कीस’ एक युद्ध-नाटक है, जो वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को श्रद्धांजलि देता है। इस फिल्म में अगस्त्य नंदा, धर्मेंद्र और जयदीप अहलावत कलाकार शामिल है। पराग सिंह के रूप में श्री बिश्नोई के अभिनय की उसकी सूक्ष्मता और गहराई के लिए प्रशंसा की गई है, जो उनकी प्रतिभा और अपने काम के प्रति समर्पण को दर्शाता है।