Bikaner: दिल दहलाने वाला था भंवरनाथ हत्याकांड, अब एक ही परिवार के 7 लोग ताउम्र खाएंगे जेल की रोटी, ये है पूरी कहानी

R.खबर ब्यूरो। बीकानेर के जामसर थाना क्षेत्र के बम्बलु गांव में हुए भंवरनाथ हत्याकांड में 11 साल बाद फैसला सुनाया गया है। कोर्ट ने एक ही परिवार के सात आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 22-22 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

कैसे हुई थी घटना:-

यह मामला 27 मई 2014 का है। जामसर निवासी अन्नानाथ ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका भाई भंवरनाथ शाम को गांव के कुएं के पास से घर लौट रहा था। तभी पिकअप में आए सात लोगों ने उसे जान से मारने की नीयत से टक्कर मारी और लाठियों से बेरहमी से हमला कर दिया।

हमलावर भागने की कोशिश में पिकअप को दीवार से भिड़ा बैठे और गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल भंवरनाथ को पीबीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

भंवरनाथ की हत्या के पीछे था भूमि विवाद:-

जांच में सामने आया कि हत्या की जड़ भूमि विवाद था। भंवरनाथ ने दुर्गनाथ से जमीन खरीदी थी, लेकिन आरोपी अपना हिस्सा बताते हुए लगातार विवाद कर रहे थे। इसी रंजिश में उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।

परिवार के ही सात लोग थे आरोपी:-

अगस्त 2014 में पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया। मामले में आरोपी मोहननाथ, हेमनाथ, धन्नानाथ, शंकरनाथ, बाधू देवी, सरोज और सीता शामिल थे—सभी एक ही परिवार से। इनमें मोहननाथ, हेमनाथ और धन्नानाथ सगे भाई हैं, जबकि शंकरनाथ हेमनाथ का बेटा है और बाधू देवी उसकी पत्नी।

एफएसएल रिपोर्ट बनी अहम कड़ी:-

एफएसएल टीम ने बरामद लाठी, मौके से मिली खून से सनी मिट्टी और मृतक के कपड़ों के नमूनों की जांच की। रिपोर्ट में तीनों नमूनों में एक ही व्यक्ति—भंवरनाथ—का खून पाया गया। उसके शरीर पर 30–40 चोटों के निशान भी मिले थे।

कोर्ट ने सुनाई सजा:-

14 गवाहों के बयान और 34 दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट ने सभी सातों आरोपियों को धारा 302/149 के तहत उम्रकैद और धारा 147 के तहत एक वर्ष के कठोर कारावास सहित जुर्माने की सजा सुनाई।
लंबे इंतजार के बाद परिवार को अब न्याय मिला है।