राजस्थान में गरमाया BLO आत्महत्या केस: मुकेशचंद के सुसाइड नोट से शिक्षकों में भारी रोष, जानें क्या की मांग

R.खबर ब्यूरो। जयपुर में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य का बढ़ता दबाव अब शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ता दिख रहा है। रविवार सुबह बिंदायका रेलवे फाटक के पास 48 वर्षीय शिक्षक और बीएलओ मुकेशचंद जांगिड़ ने आत्महत्या कर ली।

परिजन तुरंत बिंदायका थाने पहुंचे और थानाधिकारी विनोद कुमार वर्मा से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच तथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मुकेशचंद झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की भाग संख्या-175 के बीएलओ और नारी का बास स्थित सरकारी स्कूल में शिक्षक थे।

सुसाइड नोट में लिखा…

मुकेशचंद की जेब से मिले सुसाइड नोट ने पूरे सिस्टम की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए। नोट में लिखा था— “मैं बीएलओ एसआईआर से बेहद परेशान हूं। रात-रात भर नींद नहीं आती। मेरे सुपरवाइजर सीताराम बलाई सहयोग नहीं करते और बार-बार निलंबन की धमकी देते हैं। अब मैं परेशान होकर सुसाइड करने जा रहा हूं।’”

पुलिस की जांच जारी:-

जांच अधिकारी एसआई गोवर्धन सिंह ने बताया कि घटनास्थल का निरीक्षण कर नक्शा तैयार कर लिया गया है और हर पहलू की गहन जांच की जा रही है। परिजन व सहकर्मियों के बयान भी लिए जा रहे हैं।

शिक्षक संगठनों का आक्रोश, ज्ञापन सौंपा

घटना के बाद राजस्थान के विभिन्न शिक्षक संगठनों में रोष फैल गया। दूदू और जयपुर में राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन एवं शिक्षिका सेना ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि 15 दिन में एसआईआर पूरा कराने के आदेश देकर भारी मानसिक दबाव बनाया जा रहा है, जबकि निर्वाचन विभाग ने 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक की समय सीमा तय की थी।

संगठनों की प्रमुख मांगें:-

  • बीएलओ केवल ऑफलाइन फॉर्म संग्रह का काम करें।
  • ऑनलाइन अपलोड का कार्य कंप्यूटर अनुदेशक/सूचना सहायक/मंत्रालयिक स्टाफ को दिया जाए।
  • अधिकारियों को संवेदनशील और व्यवहारिक तरीके से कार्य कराने के निर्देश दिए जाएं।
  • परीक्षाएं नजदीक होने के कारण शिक्षकों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए।

चौमूं और अनूपगढ़ में भी बढ़ा विरोध

चौमूं में राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) ने भी सीएम भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच और दबाव बनाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।

मुकेशचंद की मौत के बाद अनूपगढ़ के 244 मतदान केंद्रों पर तैनात बीएलओ भी तनाव में दिखे। सोमवार शाम शिक्षक संगठनों ने एसडीएम सुरेश राव को ज्ञापन सौंपा, जिन्होंने भरोसा दिलाया कि सहयोगी स्टाफ नियुक्त किया जा चुका है और किसी भी शिक्षक पर दबाव नहीं डाला जाएगा।

क्यों बढ़ रहा है शिक्षकों का तनाव?

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के पुष्पेंद्र सिंह चौहान के अनुसार, पर्याप्त समय होते हुए भी अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे अनावश्यक दबाव और निलंबन की धमकियां मानसिक तनाव का मुख्य कारण हैं।

बीएलओ रवि कुमार ने कहा कि दिसंबर में अर्धवार्षिक परीक्षाएं होने से शिक्षक स्कूलों को पूरा समय नहीं दे पा रहे, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि शासन सचिव के निर्देशों के बावजूद कई स्कूलों का अधिकतर स्टाफ एसआईआर में लगाया गया है, जिससे शिक्षण कार्य बाधित हो गया है।