राजस्थान: बीएलओ की हार्ट अटैक से मौत, परिजनों ने अधिकारियों पर लगाया मानसिक दबाव का आरोप; पढ़े पूरी खबर
R.खबर ब्यूरो। सवाईमाधोपुर जिले के खंडार उपखंड के बहरावड़ा खुर्द गांव में बुधवार को एक दर्दनाक घटना घटित हुई। गांव के बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) हरिओम बैरवा की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई और बड़ी संख्या में लोग उनके घर पर इकट्ठा हो गए। परिवार के लोग गहरे सदमे में हैं और उन्होंने मौत के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।
परिजनों का आरोप—“मानसिक दबाव के कारण गई जान”
हरिओम के पिता बृजमोहन बैरवा और उनके भाईयों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) कार्य को लेकर एसडीएम और तहसीलदार लगातार दबाव बना रहे थे। उनका कहना है कि पिछले छह दिनों से हरिओम तनाव में था और घर पर किसी से ठीक से बात भी नहीं कर रहा था।
परिजनों ने बताया कि बुधवार सुबह तहसीलदार का फोन आया था—फोन पर क्या बातचीत हुई, यह पता नहीं चल पाया—लेकिन कॉल आने के कुछ ही मिनटों बाद हरिओम को हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि तेज़ी से काम करवाने के लिए जानबूझकर दबाव बनाया गया, और इसी तनाव ने हरिओम की जान ले ली। गुस्साए परिवार ने बहरावड़ा खुर्द पुलिस चौकी में एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए न्याय की मांग की है।
अधिकारियों का पक्ष और विवाद:-
उधर तहसीलदार जयप्रकाश रोलन ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उनका कहना है कि हरिओम एक ईमानदार और मेहनती कर्मचारी था, जो एसआईआर का कार्य पूरी निष्ठा से कर रहा था। उन्होंने कहा कि सुबह उन्हें जो निर्देश उच्च अधिकारियों से मिले थे, वही उन्होंने हरिओम को बताए थे। मानसिक दबाव बनाने का आरोप गलत है।
रोलन ने यह भी कहा कि अचानक हार्ट अटैक कैसे आया, यह वह खुद समझ नहीं पा रहे हैं। वहीं, अन्य अधिकारी इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे विवाद और गहरा गया है।

