Rajasthan: नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत पहला मामला दर्ज, दो मिशनरियों पर सत्संग के बहाने लोगों को उकसाने का आरोप

R.खबर ब्यूरो। कोटा के बोरखेड़ा थाना पुलिस ने धर्मांतरण विरोधी कानून — राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलिजन एक्ट 2025 के तहत दो ईसाई मिशनरियों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। जिले में इस नए कानून के तहत यह पहला मामला माना जा रहा है।

सत्संग के दौरान कथित रूप से धर्म बदलवाने का प्रयास:-

थाना प्रभारी देवेश भारद्वाज के अनुसार, कैनाल रोड स्थित बीरशेबा चर्च में 4 से 6 नवंबर के बीच आत्मिक सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया। आरोप है कि इसी दौरान दो मिशनरियों ने लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने जैसी बातें कहीं।
मिशनरियों पर पहले भी कई लोगों का धर्मांतरण करवाने के आरोप लगे हैं।

पुलिस को सत्संग के वीडियो फुटेज और कुछ सोशल मीडिया लाइव के स्क्रीनशॉट भी मिले हैं। इन्हीं आधारों पर दिल्ली निवासी चंडी वर्गीश और कोटा निवासी अरुण जॉन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

परिवादी का आरोप—उकसावे भरे बयान दिए गए

परिवादी एवं बजरंग दल प्रांत संयोजक योगेश रेनवाल ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम के दौरान चंडी वर्गीश ने ऐसे बयान दिए, जिनसे लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने का प्रयास प्रतीत होता है। आरोप यह भी है कि मंच पर मौजूद कुछ युवकों ने स्वयं को ईसाई धर्म अपनाने की बात कही और दूसरों को भी बपतिस्मा प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रेरित किया।

नए कानून के तहत कार्रवाई, व्यापक जांच शुरू:-

हाल ही जारी किए गए कानून के नोटिफिकेशन के आधार पर, पुलिस ने बीएनएस 299, तथा राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2025 की धारा 3 और 5 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस सोशल मीडिया कंटेंट, कार्यक्रम में शामिल लोगों और सत्संग में उपस्थित हिंदू समुदाय के सदस्यों से भी पूछताछ करेगी।