राजस्थान: हिरासत में युवक की मौत पर हंगामा, पुलिस पर 27.50 लाख नकद देकर मामला शांत कराने का आरोप; जांच और निलंबन जारी

R.खबर ब्यूरो। डूंगरपुर, चोरी के शक में हिरासत में लिए गए 22 वर्षीय दिलीप अहारी की मौत के बाद मुआवजे पर नया विवाद खड़ा हो गया है। 26 सितंबर की रात पुलिस ने दिलीप को दोवड़ा थाने के एक स्कूल में हुई चोरी के मामले में पूछताछ के लिए पकड़ा था। हिरासत के दौरान तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

परिजनों ने पुलिस पर पिटाई कर मौत के आरोप लगाए और करीब पांच दिन तक कलक्ट्रेट के बाहर धरना दिया। विरोध बढ़ने पर थानेदार सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि विरोध शांत करने के लिए पुलिस ने ही बिचौलियों के जरिए परिवार को 27.50 लाख रुपए नकद दिए। बताया जा रहा है कि यह राशि किसी सरकारी मुआवजे का हिस्सा नहीं थी, बल्कि पुलिस और स्थानीय स्तर पर जुटाया गया ‘मौताणा’ था। सूत्रों के मुताबिक मंत्री, सांसद, विधायक, कलक्टर और एसपी तक को इसकी जानकारी थी।

क्या है ‘मौताणा’?

किसी हादसे या संदिग्ध मौत के बाद आरोपित पक्ष द्वारा पीड़ित परिवार को तत्काल राहत के रूप में दी जाने वाली राशि को ‘मौताणा’ कहा जाता है। सामान्यतः यह रकम 5 से 10 लाख तक होती है, लेकिन पहली बार किसी सरकारी एजेंसी द्वारा इतनी बड़ी राशि इकट्ठा कर नकद देने का मामला सामने आया है।

पूरा मामला:-

करालिया देवसोमनाथ निवासी दिलीप अहारी को सितंबर में डूंगरपुर शहर से हिरासत में लिया गया था। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उसकी तबीयत और खराब हुई, जिसके बाद उसे उदयपुर रेफर किया गया, लेकिन वहां उसने दम तोड़ दिया। मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए भारी विरोध प्रदर्शन किया था।

परिवार का दावा

“हमें 27.50 लाख रुपए नकद दिए गए। न कोई चेक आया, न सरकार की ओर से एक रुपया। गांव के कुछ लोग पैसे लेकर आए, कोई सरकारी कर्मचारी हमारे पास नहीं आया।” —जीवराज अहारी, मृतक के पिता


प्रशासन ने माना—सरकार से नहीं आया पैसा

  • बाबूलाल खराड़ी, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री: “पैसा पुलिस ने ही इकट्ठा किया। सरकार के खजाने से कुछ नहीं दिया गया।”
  • अंकित कुमार सिंह, जिला कलक्टर, डूंगरपुर: “पीड़ित प्रतिकर स्कीम में सहायता का प्रावधान है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई राशि नहीं दी गई।”

डूंगरपुर एसपी से सवाल-जवाब:-

प्रश्न: क्या दिलीप के परिवार से किए गए वादे पूरे हो गए?
जवाब: सरकार की ओर से जो होना था, वह कर दिया गया है।

प्रश्न: क्या 27.50 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया?
जवाब: जो डिस्कस हुआ था, वह परिवार को दे दिया गया।

प्रश्न: यह पैसा सरकार ने दिया या पुलिस ने?
जवाब: “जो भी था, हो गया… कुछ सरकार की तरफ से, कुछ प्रशासन की तरफ से।”