जोधपुर: थानाधिकारी-कांस्टेबल के निलंबन से पुलिसकर्मियों का आक्रोश, स्टेट्स पर लिखा- हमारा हमीर, हमारा जमीर सही; जानें पूरा मामला
R.खबर ब्यूरो। जोधपुर, कुड़ी भगतासनी थाने में अधिवक्ता से धक्का-मुक्की, अभद्र व्यवहार और गिरफ्तारी की धमकी देने के आरोप में थानाधिकारी हमीर सिंह के निलंबन के बाद पुलिस महकमे में भारी नाराज़गी फैल गई। निलंबन आदेश वायरल होते ही पुलिसकर्मियों ने अपने-अपने व्हॉट्सऐप स्टेटस पर निरीक्षक के समर्थन में संदेश पोस्ट किए और कार्रवाई पर असहमति जताई। कई स्टेटस पर लिखा गया— “हमारा हमीर, हमारा जमीर सही है।”

रात 12 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक धरना–प्रदर्शन:-
सोमवार देर रात घटना की जानकारी मिलते ही अधिवक्ता बड़ी संख्या में कुड़ी भगतासनी थाने पहुंच गए। वे थानाधिकारी की कार्यशैली के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और थाने परिसर में ही धरने पर बैठ गए। पुलिस अधिकारियों ने समझाइश की, लेकिन अधिवक्ता थानाधिकारी और कथित अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग पर अड़ गए।
मंगलवार सुबह होते-होते अधिवक्ताओं की भीड़ बढ़ती गई। राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने संयुक्त रूप से थाने में धरना दिया। मुख्य गेट के बाहर थानाधिकारी का पुतला भी जलाया गया। दोपहर बाद दोनों पुलिसकर्मियों के निलंबन आदेश जारी होने पर अधिवक्ताओं ने आंदोलन समाप्त कर बुधवार से कार्य पर लौटने की घोषणा की।
पीड़िता के बयान में देरी से उपजा विवाद:-
कुछ दिन पहले कुड़ी भगतासनी थाने में एक महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। अधिवक्ताओं का कहना है कि पीड़िता के बयान दर्ज करने में देरी हो रही थी। सोमवार शाम पीड़िता अपने अधिवक्ता और एक महिला अधिवक्ता के साथ थाने पहुंची, जहां सादे वेश में रीडर नरेंद्र सिंह बयान दर्ज कर रहे थे। इस दौरान आधार कार्ड की प्रतिलिपि को लेकर अधिवक्ता और कांस्टेबल में तीखी नोकझोंक हो गई।
अधिवक्ता भरत सिंह द्वारा कांस्टेबल के सादे वेश में होने पर आपत्ति जताने पर विवाद बढ़ा। आरोप है कि थानाधिकारी हमीर सिंह ने अधिवक्ता से अभद्र भाषा में बात की, धक्का दिया और 151 में बंद करने की धमकी दी। विवाद के दौरान अधिवक्ता की पत्नी के साथ भी पुलिसकर्मियों की तीखी बहस हुई।
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, पुलिस आयुक्त और डीसीपी को तलब:-
घटना का मामला हाईकोर्ट में पहुंचा, जहां कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायमूर्ति बलजिंदर सिंह संधू की खंडपीठ ने मौखिक मेंशन के बाद पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश और डीसीपी को तलब किया। पुलिस आयुक्त ने कोर्ट में माना कि प्रथम दृष्टया एसएचओ का व्यवहार अनुचित प्रतीत होता है और उन्होंने आईपीएस अधिकारी से जांच कर अनुशासनात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई सोमवार तय कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
निलंबन के बाद आंदोलन समाप्त, विजय रैली निकाली:-
लंबी चर्चाओं और दबाव के बाद पुलिस आयुक्त ने थानाधिकारी हमीर सिंह और रीडर (कांस्टेबल) नरेंद्र सिंह का निलंबन आदेश जारी किया। आदेश मिलते ही अधिवक्ताओं ने धरना समाप्त किया और विजय रैली के रूप में थाना परिसर से रवाना हुए।
हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में कामकाज ठप:-
घटना के विरोध में मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट तथा अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप रहे। हैरिटेज भवन सहित सभी अदालतों में कामकाज बंद रहा और किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई

