हनुमानगढ़: टिब्बी में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर तनाव चौथे दिन भी बरकरार, DM-SP को हटाने की मांग, ग्रामीणों का आरोप- पुलिस ने गोली चलाई
Hanumangarh News: हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी क्षेत्र में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर पिछले चार दिनों से जारी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। राठीखेड़ा गांव में निर्माणाधीन ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड प्लांट के विरोध में ग्रामीणों का आंदोलन अब टकराव की स्थिति में पहुंच गया है। हालात नियंत्रित रखने के लिए प्रशासन ने शुक्रवार को भी इंटरनेट सेवाएं बंद रखने का फैसला किया। गांव में सन्नाटा है, कई घरों पर ताले लटके हैं और बड़ी संख्या में लोग गुरुद्वारे में शरण ले रहे हैं।
गुरुद्वारा बना शरणस्थल, घायल वहीं ले रहे प्राथमिक उपचार:-
टिब्बी का गुरुद्वारा सिंह सभा आंदोलनकारी किसानों और उनके परिवारों का सहारा बना हुआ है। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षा के लिए यहां डेरा डाले हुए हैं। बुधवार को हुए संघर्ष में घायल कई लोगों का प्राथमिक उपचार भी इसी परिसर में किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस कार्रवाई के डर से कई परिवार अपने ही गांव में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे।
कलेक्टर-एसपी के ट्रांसफर तक वार्ता नहीं होगी:-
शुक्रवार दोपहर किसान नेताओं की कोर कमेटी की बैठक गुरुद्वारे में होगी। किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि जब तक हनुमानगढ़ के कलेक्टर और एसपी का स्थानांतरण नहीं किया जाता, तब तक प्रशासन से बातचीत संभव नहीं है। उनका आरोप है कि शांतिपूर्ण आंदोलन को प्रशासन ने बल प्रयोग से हिंसक मोड़ दे दिया।
महिलाओं का गंभीर आरोप— पुलिस ने चलायी गोली
गुरुद्वारे में मौजूद महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बवाल के दौरान गोलीबारी की। उन्होंने सिंह सभा परिसर से मिले कथित कारतूस के खोल भी दिखाए। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने संयम दिखाया होता तो हालात इतने न बिगड़ते। फैक्ट्री साइट के आसपास रहने वाले लगभग 30 परिवार सुरक्षा के डर से घर छोड़ चुके हैं।
वार्ता बेनतीजा, पुलिस ने बाहरी तत्वों को बताया जिम्मेदार
गुरुवार को प्रशासन और किसान नेताओं के बीच दो दौर की बातचीत हुई, लेकिन समाधान नहीं निकल सका। एडीजी वी.के. सिंह ने घटना के लिए बाहरी लोगों को जिम्मेदार बताया और दावा किया कि 10 दिसंबर को हालात सामान्य थे, लेकिन बाहर से आए लोगों ने स्थिति बिगाड़ी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने किसी तरह की फायरिंग नहीं की और केवल भीड़ नियंत्रण की प्रक्रिया अपनाई।
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव मंगेज चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि यदि पुलिस के हथियार जंग खाए न होते तो जनहानि और अधिक होती। उन्होंने 17 दिसंबर को कलेक्ट्रेट घेराव की चेतावनी दी है।
विधायक पहुंचे गुरुद्वारे, घटना को बताया ‘प्रायोजित’:-
गुरुवार देर शाम सादुलशहर के भाजपा विधायक गुरवीर सिंह बराड़ समेत कई जनप्रतिनिधि गुरुद्वारे पहुंचे। उन्होंने किसानों से शांत रहने की अपील की। जोगाराम पटेल ने घटना को ‘प्रायोजित’ बताते हुए कहा कि हिंसा में राजस्थान से बाहर के लोग शामिल थे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार बातचीत को तैयार है और वैध मांगों पर विचार किया जाएगा।
10 दिसंबर को कैसे भड़की हिंसा?:-
बुधवार को किसानों ने एथेनॉल प्लांट की बाउंड्री वॉल तोड़ दी। प्रदर्शनकारी प्लांट परिसर में घुसे और कार्यालय में आग लगा दी। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों में जोरदार पत्थरबाजी हुई। लगभग 70 लोग घायल हुए, जिनमें एक कांग्रेस विधायक भी शामिल हैं। कई घायल रातभर गुरुद्वारे में ही रहे।
ग्रामीणों की चिंता— “पानी जहर बनेगा, सांस लेना मुश्किल होगा”
गांव की महिलाओं ने फैक्ट्री के संभावित पर्यावरणीय प्रभावों पर गंभीर चिंता जताई। उनका कहना है कि प्लांट शुरू होते ही पानी और हवा दोनों प्रदूषित होंगे, जिससे दमा, कैंसर और त्वचा रोगों का खतरा बढ़ेगा। महिलाएं स्वच्छ हवा और पेयजल को अपना मूल अधिकार बता रही हैं।
16 महीने से जारी विरोध:-
एथेनॉल फैक्ट्री का विरोध सितंबर 2024 से शुरू हुआ था। शुरुआती 10 महीनों तक आंदोलन शांतिपूर्ण रहा। जुलाई 2025 में बाउंड्री निर्माण शुरू होने पर तनाव बढ़ा। 19 नवंबर को पुलिस सुरक्षा में दोबारा निर्माण शुरू हुआ, जिसके बाद कई बार भिड़ंत हुई और कई किसान नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया।
कंपनी की दलील— रोजगार और पर्यावरण मानकों का पालन:-
चंडीगढ़ स्थित ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड राठीखेड़ा में 40 मेगावाट क्षमता वाला अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट बना रही है। कंपनी का दावा है कि प्रोजेक्ट से 700–800 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और केंद्र सरकार के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल कार्यक्रम को मजबूती मिलेगी।

