जयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोना की इस जंग में वॉरियर्स के रूप में प्रभावी भूमिका निभा रहे सरपंच, ग्राम सेवक, पटवारी, बीएलओ, एएनएम, आशा सहयोगिनी सहित ग्राम पंचायत स्तर के लोगों से रूबरू हो रहे थे।
कोविड-19 महामारी के इस दौर ने यूपीए सरकार की महत्वाकांक्षी रोजगार योजना मनरेगा के महत्व को स्थापित कर दिया है। संकट के इस समय में इस योजना ने देश भर के गांवों में करोड़ों लोगों को जो संबल दिया है, वह इस योजना की सफलता को दर्शाता है। ऎसे समय में जब लोगों का रोजगार छिन गया था, मनरेगा ने उन्हें राहत दी है।
केन्द्र मनरेगा में कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 200 दिन करे
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार से मांग है कि मनरेगा में प्रति वर्ष कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 200 दिन किए जाएं। साथ ही भीषण गर्मी को देखते हुए काम के घंटे भी कम कर श्रमिकों को राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में राजस्थान अब तक इसीलिए सफल रहा, क्योंकि गांव से लेकर शहर तक आमजन ने पूरा सहयोग किया और हैल्थ प्रोटोकॉल एवं सरकार की एडवाइजरी की पालना सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि अब हमारा प्रयास है कि आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौटें ताकि जीवन रक्षा के साथ-साथ आजीविका भी सुचारू रूप से चलती रहे।
टीम भावना से सभी ने किया अच्छा काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में होम क्वारंटाइन में रखे गए प्रवासी लोगों का ध्यान रखने में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों का अच्छा सहयोग मिला है। प्रवासी लोगों के लौटने के साथ कई जिलों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ी थी, लेकिन ग्राम स्तर पर लोगों की जागरूकता से अब धीरे-धीरे यह नियंत्रण में आ रही है। इसमें सरपंच, वार्ड पंच से लेकर बीएलओ, ग्राम सेवक, पटवारियों सहित सभी ने टीम भावना से अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में अभी थकने का वक्त नहीं है, सभी लोग मिलकर व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने में अपना सहयोग जारी रखें।
मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में हमें काफी हद तक कामयाबी मिली है। हम आगे भी सुरक्षित रहें इसके लिए मास्क पहनें, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करे एवं बार-बार हाथ धोने का महत्व समझें। सतर्कता बरतेंगे तो हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई आसानी से जीत पाएंगे।
मनरेगा में रोजगार देने में राजस्थान नम्बर वन
वीसी के दौरान उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि मनरेगा के माध्यम से रोजगार देने में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है। आज राजस्थान में करीब 42 लाख 80 हजार लोग मनरेगा में नियोजित हैं, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। बाहर से आए प्रवासियों को भी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा में नियोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत 83 प्रतिशत काम व्यक्तिगत की श्रेणी में किए जा रहे हैं। साथ ही नियोजित श्रमिको को समय पर भुगतान किया जा रहा है।
सरपंचों ने की राज्य सरकार के प्रबन्धन की सराहना
कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री से बूंदी जिले की नेगढ़ पंचायत के सरपंच नरेन्द्र सिंह सोलंकी, भरतपुर की इकरान पंचायत के सरपंच नेम सिंह, उदयपुर की सापेटिया पंचायत के सरपंच भंवर पुष्करणा, जालोर की बीबलसर पंचायत के सरपंच राजेन्द्र कुमार, जयपुर की गाड़ोता पंचायत के सरपंच शिवजीराम, बांसवाड़ा की बागीदौरा की सरपंच रूकमणी आर्य, डूंगरपुर की पालवड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच रमेशचंद डामोर, श्रीगंगानगर की फरसेवाला के सरपंच बलराम सियाग, जैसलमेर की अमरसागर ग्राम पंचायत की सरपंच पूनम देवी परिहार, पाली की निमाज ग्राम पंचायत की सरपंच दिव्या कुमारी, नागौर की शिव पंचायत के सरपंच लालाराम अणदा, प्रतापगढ़ के नौगांवा के सरपंच रामलाल मीणा, सिरोही के उन्दरा के सरपंच महेन्द्र कुमार तथा अलवर के राईखेड़ा के सरपंच विक्रम सिंह ने संवाद किया।
इन जनप्रतिनिधियों ने कोरोना संक्रमण को रोकने एवं लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रबन्धन की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच, उपचार एवं क्वारंटाइन सहित सभी व्यवस्थाएं प्रशासन के सहयोग से सुचारू रूप से चल रही हैं। संकट की इस घड़ी में असहाय, निराश्रितों एवं जरूरतमंदो को राज्य सरकार ने सूखे राशन किट, भोजन के पैकेट एवं आर्थिक सहायता देकर संबल प्रदान किया है। साथ ही लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अग्रिम भुगतान कर राहत दी है। मनरेगा में बड़ी संख्या में श्रमिकों का नियोजन करना भी सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
ग्राम पंचायत स्तर पर 11 हजार 341 प्रतिभागियों से संवाद
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि कोविड-19 से प्रभावी रूप से निपटने के लिए जिला स्तर से ग्राम पंचायत स्तर तक संवाद स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज हुई ग्राम पंचायत स्तर की वीडियो कॉन्फ्रेंस में 11 हजार 341 प्रतिभागियों से मुख्यमंत्री का सीधा संवाद हुआ है। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मिले जमीनी फीडबैक एवं सुझावों से हमें कोरोना के खिलाफ बेहतर रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।

