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खाजूवाला, सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से की जा रही खरीद में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर शुक्रवार को एसीबी में परिवाद दिया है।

शम्भू सिंह राठौड़ ने बताया कि वर्तमान में बीकानेर जिले में सरसों व चने की खरीद राजफेड द्वारा क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से की जा रही है कोरोना महामारी को देखते हुए बीकानेर में सरकार द्वारा जीएसएस पर सरकारी खरीद करने का निश्चय किया गया। यह खरीद निजी फर्मो द्वारा करवाई जा रही है। जो कि मनमाना शुल्क किसानों से वसूल करते है तथा उसकी कोई रसीद भी किसानों को नहीं देते है। खरीद केन्द्र पर चने के लिए बारदाने का वजन निर्धारित है। जो कि सरसों के लिए 50.989 किलो. माल सहित चने के लिए 50.580 किलो. माल सहित निर्धारित है। जबकि सरसों में 51.100 किलो. लिया जा रहा है तथा चने में भी 200 से 300 ग्राम ज्यादा वजन लिया जा रहा है। जो कि गलत है। वहीं ठेकेदारों द्वारा सैम्पल के नाम पर प्रत्येक ढ़ेरी से 3 किलोग्राम माल लिया जा रहा है। जबकि वास्तविक रूप से सैम्पलिंग नाममात्र से 500 से 1000 रुपए तक वसूल की जाती है। प्रत्यक खरीद सेन्टर पर हैण्डलिंग ठेकेदारों द्वारा मण्डियों से सस्ती दर पर घटिया माल लेकर किसानों से सस्ती दर पर घटिया माल लेकर किसानों से खरीदे गए अच्छे माल में मिलाकर वेयर हाऊस में जमा करवाया जा रहा है तथा किसानों का माल बाजार में बेचा जा रहा है। प्रत्येक खरीद सेन्टर के स्टॉक का फिजिकल वेरिफिकेशन कर इस फर्जीबाड़े को रोका जाए।


खरीद में ऑनलाईन टोकन प्रक्रिया में बटाईदार से माल खरीदने का नियम है इस नियम की आड़ में बीकानेर जिले में संगठित गिरोह द्वारा बटाईदार के फर्जी इकरारनामें बनाकर तथा पटवारियों द्वारा फर्जी गिरदावरियां लेकर माल तुलवाइया जा रहा है। इस पूरे भ्रष्टाचार की प्रक्रिया में सहकारी विभाग के कर्मचारी अधिकारी राजफेड के अधिकारी, पटवारी, नेफेड के कर्मचारी की मिलीभक्ती है। ऐसा भ्रष्टाचार कई सालों से चल रहा है। जिससे आम किसान परेशान हो रहा है।