खाजूवाला, पूगल ब्रांच की 97 आरडी से निकलने वाली बीएलडी नहर की 102 आरडी पर आए 400 फीट के कटाव को दुरुस्त करने का कार्य अब अंतिम चरण में जारी है। पिछले 8 दिनों से इस नहर को दुरस्त करने व लाइनिंग का कार्य लगातार जारी है।
किसान सुरेंद्र डेलू ने 1 जुलाई की रात्रि को आए तेज तूफान और बारिश के चलते बीएलडी नहर की 102 आरडी पर लगभग 400 फीट का कटाव आ गया था। जिसके चलते 3 दिन पानी की बारी का नुकसान भी किसानों को झेलना पड़ा। वहीं सिंचाई विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि नहर किनारे खड़े पेड़ तेज आंधी आने से अक्सर पेड़ नहर में गिरते हैं। जिसकी डाफ लगने से नहर टूट जाती है, हालांकि यही बीएलडी नहर 1 महीने में दो बार टूट चुकी है। इससे पूर्व 11 मई की रात्रि में आए तेज तूफान के चलते बीएलडी नहर की 37 आरडी पर लगभग 500 फीट का कटाव आया था। उसी दौरान भी किसानों को 1 सप्ताह की बारी का खामियाजा भुगतना पड़ा था। वहीं इस बार भी 3 दिन बारी का नुकसान किसानों को झेलना पड़ रहा है। अब बीएलडी नहर की आरडी 102 पर लगभग निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। ऐसे में किसानों की मांग है कि 3 दिन अतिरिक्त पानी चला कर पिछले सप्ताह की भरपाई पूरी की जाए।
16 बीएलडी चक के संगम अध्यक्ष रामूराम गुर्जर ने बताया कि बीएलडी नहर दो बार टूटने के कारण खेतों में खड़ी फसलें लगभग बर्बाद हो चुकी है। ऐसे में पिछले सप्ताह हुए नुकसान की भरपाई 3 दिन अतिरिक्त पानी देकर की जा सकती है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता रामसिंह से दूरभाष पर बात कर नहर में जल्द पानी छोड़ने की गुहार भी लगाई। हालांकि सिंचाई विभाग के छतरगढ अधीक्षण अभियंता रामसिंह लगातार इस नहर के निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। 12 जुलाई रविवार सुबह 6:00 बजे पुगल ब्रांच में पानी छोड़ा जाना है। जो कि बीएलडी सहित अनेकों चको मे सोमवार दिन में पानी पहुंचेगा। किसानों की मांग है कि इस नहर मे 3 दिन अतिरिक्त पानी दिया जाए।

