जोधपुर, मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो द्वारा बड़ी कार्रवाई की गयी। शादी गांव के एक मकान से 234 किलोग्राम अफीम बरामद की गयी। पुलिस ने इस मामले में दो जनों को गिरफ्तार किया है। जब्त की गई अफीम एक एसयूवी कार से जोधपुर ले जाए जाने वाली थी, जिसे भी पुलिस ने जब्त कर लिया। पकड़े गए आरोपियों में एक चित्तौड़गढ़ जिले का जबकि दूसरा भीलवाड़ा से हैं। दोनों आरोपियों के संबंध राजस्थान तथा मध्यप्रदेश के मादक पदार्थ तस्करों से बताए जा रहे हैं।

नारकोटिक्स विभाग की राजस्थान में साल 2020 की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। जब्त की गई अफीम का बाजार मूल्य 140 करोड़ रुपए से अधिक बताया जा रहा है। पकड़े गए आरोपियों से पता चला कि जब्त की गई अफीम देश के विभिन्न राज्यों में सप्लाई की जानी थी। आरोपियों से हुई पूछताछ से खुलासा हुआ कि उनके संबंध राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश के मादक द्रव्य के तस्करों से हैं।

चित्तौड़गढ़ नारकोटिक्स विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उक्त कार्रवाई विभाग के जोधपुर जोनल यूनिट ने की, जो गत 19 जून से ही शादी गांव में टिककर निगाह रखे हुई थी। जिसमें उन्होंने चित्तौड़गढ़ जिले के शादी गांव स्थित आर. लाल के आवासीय परिसर से 233 किलो 970 ग्राम अफीम जब्त की गई थी। इस मामले में आर. लाल के अलावा भीलवाड़ा निवासी एमके धाकड़ को गिरफ्तार किया गया।

राजस्थान में सर्वाधिक अफीम उपज चित्तौड़गढ़ में नारकोटिक्स विभाग के मुताबिक प्रदेश में सर्वाधिक अफीम की उपज चित्तौड़गढ़ जिले में होती है। नारकोटिक्स विभाग इसकी उपज के लिए लाइसेंस देता है। प्रदेश में चित्तौड़गढ़ के अलावा झालावाड़ तथा उदयपुर जिले के कुछ हिस्से में अफीम उत्पादित की जाती है। पट्टेधारी किसानों की अफीम की फसल उगाने की अनुमति है और उनके द्वारा उत्पादित अफीम की खरीद सरकार तय दरों से खरीद करती है।

इससे पहले भी वह अफीम की तस्करी कर चुके हैं। उनसे यह भी पता चला कि अफीम से हेराइन तैयार कर उसकी सप्लाई देश-विदेश में की जाती है। अफीम के मुकाबले हेरोइन की सप्लाई ज्यादा आसान होती है। आरोपी आर. लाल चित्तौड़गढ़ क्षेत्र के अफीम पट्टों के किसानों से अफीम की खरीद करता था जबकि उसका साथी भीलवाड़ा निवासी एमके धाकड़ अन्य तस्करों के माध्यम से अफीम की सप्लाई देश-विदेश में करता था।