











जल जीवन मिशन के 900 करोड़ के टेंडर घोटाले की ACB जांच से जलदाय विभाग में हड़कंप, 50 इंजीनियर रडार पर
R.खबर ब्यूरो। जयपुर, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जल जीवन मिशन (JJM) के तहत हुए करीब 900 करोड़ रुपये के टेंडर घोटाले की जांच अब एसीबी ने तेज कर दी है। इरकॉन कंपनी के फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए यह घोटाला किया गया, जिससे पूरे जलदाय विभाग के इंजीनियरों में खलबली मच गई है।
एसीबी की ओर से विभाग के एसीएस अखिल अरोड़ा को भेजे पत्र के अनुसार, श्रीश्याम और गणपति ट्यूबवैल कंपनी ने फर्जी दस्तावेज लगाकर जयपुर द्वितीय क्षेत्र व जयपुर ग्रामीण सर्कल में लगभग 600 करोड़ के 80 टेंडर हथिया लिए।
अब विभाग से सत्यापित पत्रावलियां मिलने के बाद एसीबी परत-दर-परत इस घोटाले को उजागर करने की तैयारी कर रही है। विभाग के एक वरिष्ठ इंजीनियर का कहना है कि यदि जांच पूरी हुई तो उस समय जयपुर रीजन में तैनात 50 से अधिक इंजीनियरों पर गाज गिर सकती है।
शाहपुरा डिवीजन में सबसे बड़ा टेंडर:-
एसीबी के पत्र में बताया गया कि फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर कुल 101 टेंडर लिए गए। इनमें से सबसे बड़ा टेंडर शाहपुरा डिवीजन में 43 करोड़ रुपये का था, जबकि सबसे छोटा 51 लाख का टेंडर जमवा रामगढ़ में लिया गया। इसके अलावा 34 करोड़ रुपये का टेंडर झुंझुनूं में भी मिला।
2019 में भी बंटे थे फर्जी टेंडर:-
सूत्रों के मुताबिक, 2019 में भी फर्जी प्रमाण पत्रों से कई फर्मों को करोड़ों रुपये के टेंडर दिए गए थे। लेकिन शिकायतें न आने के कारण उच्च अधिकारियों ने मामले को दबा दिया था।

