भजनलाल कैबिनेट के बड़े फैसले, जाने क्या-क्या मिली सौगात

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में राज्य के प्रवासी राजस्थानियों से लेकर उद्योग एवं ऊर्जा क्षेत्रों तक कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में ‘राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी मामले विभाग’ के गठन को मंजूरी दी गई, जो प्रवासी समुदाय और राज्य सरकार के बीच संवाद को मजबूत करेगा तथा विश्व स्तर पर ‘ब्रांड राजस्थान’ को प्रोत्साहित करेगा। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेसवार्ता में बताया कि नया विभाग प्रवासी राजस्थानियों के लिए नीतिगत ढांचा तैयार करेगा। यह विभाग सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाने, उनकी समस्याओं के समाधान, प्रवासी राजस्थानी दिवस सम्मान समारोह और एक्सचेंज कार्यक्रमों के आयोजन की जिम्मेदारी निभाएगा। साथ ही प्रवासी राजस्थानी एसोसिएशनों के पंजीकरण हेतु एक समर्पित पोर्टल भी संचालित करेगा। मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा पिछली प्रवासी राजस्थानी कॉनक्लेव में की थी।

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर को मिली मंजूरी
कैबिनेट ने राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) पॉलिसी-2025 को भी मंजूरी दी। इस नीति का लक्ष्य 2030 तक राज्य में 200 से अधिक जीसीसी स्थापित करना, 1.5 लाख रोजगार सृजित करना और भारत के 100 अरब डॉलर के जीसीसी बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है। जयपुर, उदयपुर और जोधपुर को प्रमुख जीसीसी हब के रूप में विकसित किया जाएगा। नीति के तहत रिप्स-2024 के आकर्षक प्रावधान लागू होंगे। जिनमें परियोजना लागत का 30% या अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक पूंजी अनुदान, भूमि लागत का 50% (अधिकतम 1 करोड़) तक प्रतिपूर्ति दी जाएगी। कर्मचारियों के वेतन पर पहले तीन वर्षों तक 30% (अधिकतम 1.25 लाख प्रति वर्ष) पेरोल सब्सिडी, किराए पर संचालित जीसीसी को शुरुआत के तीन साल 50% और अगले दो साल 25% रेंटल असिस्टेंस दिया जाएगा। वहीं प्रशिक्षण लागत का 50% (अधिकतम 2.5 करोड़) तक अनुदान और ग्रीन व आरएंडडी इंसेंटिव दिया जाएगा।

15 हजार 600 करोड़ की ऊर्जा परियोजनाएं होंगी स्थापित
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि मंत्रिमंडल ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरवीयूएनएल) तथा सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के बीच ज्वाइंट वेंचर कंपनी के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इस कंपनी में आरवीयूएनएल और एससीसीएल की हिस्सेदारी क्रमशः 26 प्रतिशत और 74 प्रतिशत होगी। यह जेवी खदान स्थल पर 9,600 करोड़ रुपए की लागत से 800 मेगावाट की कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजना और राजस्थान में 6,000 करोड़ रुपए की लागत से 1500 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं स्थापित करेगी।