











दीपावली से पहले आई बड़ी खुशखबर, बैटरी स्टोरेज सिस्टम से राजस्थान को मिल सकेगी सस्ती बिजली, जानें कैसे
R.खबर ब्यूरो। दीपावली से पहले राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी खुशखबर मिली है। राज्य ने देश में सबसे सस्ती बैटरी ऊर्जा भंडारण (Battery Energy Storage System – BESS) दर का नया रिकॉर्ड बनाया है। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUNL) की 2000 मेगावाट क्षमता वाली बैटरी स्टोरेज परियोजना की निविदा में यह उपलब्धि हासिल हुई है।
इस परियोजना के लिए ₹1.77 से ₹1.78 लाख प्रति मेगावाट प्रति माह की टैरिफ दर तय हुई है — जो भारत में अब तक की सबसे कम दर है। यह दर पिछले वर्ष नवंबर में राजस्थान में हुई 500 मेगावाट की निविदा (₹2.21 लाख प्रति मेगावाट) से भी कम है।
कड़ी प्रतिस्पर्धा में तय हुई दरें:-
इस निविदा प्रक्रिया में 11 प्रमुख कंपनियां शामिल हुईं, जिससे तीव्र प्रतिस्पर्धा के बीच यह रिकॉर्ड टैरिफ सामने आया।
राजस्थान में 1000 मेगावाट और 2000 मेगावाट-घंटे की बैटरी स्टोरेज परियोजनाएं नवंबर 2027 तक तैयार हो जाएंगी।
इनसे राज्य की ग्रिड स्थिरता, ऊर्जा प्रबंधन और पीक डिमांड के समय बिजली आपूर्ति में बड़ा सुधार होगा।
उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली का लाभ:-
अधिकारियों के अनुसार, यदि सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत ₹2.50 प्रति यूनिट और भंडारण की लागत ₹1.78 प्रति यूनिट रहे,
तो उपभोक्ताओं को रात में ₹4.28 प्रति यूनिट दर से बिजली उपलब्ध हो सकती है। वहीं, कोयले से बिजली उत्पादन की लागत लगभग ₹6 प्रति यूनिट है। इस तरह उपभोक्ताओं को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा का सीधा लाभ मिलेगा।
सौर भंडारण दरों में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड:-
तिथि राज्य संस्था दर (₹ लाख प्रति MW/माह)
- 8 अक्टूबर 2025 राजस्थान RVUNL 1.775
- 25 मार्च 2025 तेलंगाना TGGENCO 2.40
- 3 अप्रैल 2025 कर्नाटक KPTCL 2.49
- नवम्बर 2024 राजस्थान RVUNL 2.21
- मार्च 2024 गुजरात GUVNL 4.49
“अब महंगी बिजली खरीदने की जरूरत नहीं” — हीरालाल नागर
राज्य के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि इस प्रणाली के जरिए राज्य की बिजली कंपनियों को महंगी दरों पर बिजली खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
उन्होंने बताया – “जब मांग सबसे ज्यादा होती है, जैसे रात या गर्मी में, तब इन बैटरियों से बिजली निकालकर दी जा सकेगी। इससे प्रतिदिन लगभग ₹1 करोड़ की बचत होगी।”
राजस्थान के स्वच्छ ऊर्जा अभियान को नई रफ्तार:-
प्रमुख सचिव (ऊर्जा) अजिताभ शर्मा ने कहा — “यह उपलब्धि न केवल राजस्थान की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को दर्शाती है,
बल्कि मज़बूत नीतियों और निवेशकों के भरोसे को भी साबित करती है। रिकॉर्ड तोड़ बोलियां हमारे स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को नई गति देंगी।”
राज्य विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी देवेंद्र श्रृंगी ने बताया कि राजस्थान में प्रस्तावित 6000 मेगावाट-घंटे की बैटरी स्टोरेज परियोजनाओं से करीब ₹6000 करोड़ के निवेश की संभावना है।
क्या है बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS)?
बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली एक ऐसी तकनीक है जिसमें अतिरिक्त बिजली को संग्रहित किया जा सकता है। दिन में जब सौर संयंत्रों से अधिक बिजली बनती है, तो उसे बैटरी में जमा कर लिया जाता है, ताकि रात में या बिजली की अधिक मांग के समय उसका उपयोग किया जा सके। इससे ग्रिड में संतुलन बना रहता है और आपूर्ति में स्थिरता आती है।
राजस्थान के चार प्रमुख स्थानों पर लगेंगे बैटरी सिस्टम:-
यह प्रणाली जयपुर, कोटा (ग्रिड सब स्टेशन), सूरतगढ़ और गिरल के बिजलीघरों में स्थापित की जाएगी। इनसे राज्य के स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा लक्ष्य को नई दिशा मिलेगी।

 
 