
उपखंड अधिकारी ने भी जुटाए साक्ष्य, खनन विभाग लीपापोती में जुटा
खाजूवाला, खनिज को खोदकर निकालने के लिए खनिज विभाग की पूरी प्रक्रिया तय है, कृषि विभाग कृषि योग्य भूमि पर डिग्गी निर्माण की अनुमति देती है, बॉर्डर पर 1 किलोमीटर की पट्टी में किसी भी तरह के खनन पर पाबंदी है। इन सब सरकारी बैरियर के बावजूद खनन माफिया बॉर्डर पर तारबंदी के पास से सैकड़ों टन जिप्सम खोदकर ले गए। सरकारी तंत्र में सेंध लगाकर डिग्गी खुदाई के रास्ते तारबंदी तक पहुंचे और डिग्गी खुदाई में निकले जिप्सम को खोदकर बॉर्डर से 2 किलोमीटर दूर ढेरी कराई गई है। यहां से ट्रकों में लादकर जिप्सम को दूसरी जगह पहुंचाने का खेल चल रहा है। इस मामले का खुलासा होने की भनक लगते ही शनिवार को जिप्सम के लगे ढेर रात भर ट्रकों में लादकर खनन माफिया ले गए।
खाजूवाला क्षेत्र में जिप्सम माफिया भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की तारबंदी से चंद कदम दूरी पर खुदाई कर जिप्सम निकाल चुके है। अफसरों और माफियाओं के गठबंधन से देश की सुरक्षा को ताक पर लगाने का खुलासा करने पर तहसील व उपखंड प्रशासन अपने अपने स्तर कागजो को खंगालने में जुट गए हैं। दूसरी तरफ खनिज विभाग के अधिकारी लीपापोती में जुटे हैं।

सीमा सुरक्षा बल ने तारबंदी के पास हो रहे खनन कार्य को बंद करवा दिया। डिग्गी खोदने को लेकर जारी की गई अनुमति के कागजात के साथ मौका स्थिति पर जायजा लिया। प्रशासन की टीम ने अपने स्तर पर रिपोर्ट तैयार की है। दूसरी तरफ रात में जिप्सम माफिया ने साक्ष्य मिटाने के लिए तीन ट्रकों में जिप्सम भरकर दूसरे जगह पहुंचाया। पता लगने पर बीएसएफ में जिप्सम का परिवहन भी बंद करवा दिया। लेकिन माफिया अगली सुबह होते ही यहां से जिप्सम उठाकर ले गए।
ग्रामीणों का आरोप डिग्गी की अनुमति दी दूसरे खेत में:-
ग्रामीणों ने बताया कि आनंदगढ़ के चक 18 डीडब्ल्यूडी के मुरबा नंबर 234/29 में खेत में डिग्गी बनाने की अनुमति जारी हुई है। परंतु मुरबा नंबर 234/21 में अवैध रूप से खनन किया जा रहा है। इस तथ्य की उपखंड अधिकारी ने भी पड़ताल शुरू की है। यदि ऐसा सही पाया जाता है तो यह और भी गंभीर बात है कि कोई बॉर्डर को खोदने के लिए अधिकारियों की आंख में धूल झोंकने में कैसे कामयाब हो गया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय से दखल की मांग:-
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने इस मामले में ग्रामीणों से दूरभाष पर जानकारी ली है। बॉर्डर पर अवैध खनन को लेकर सीमा जन कल्याण समिति भी सक्रिय हुई है। जो इससे जुड़े दस्तावेज केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजकर दखल देने की मांग करेगी। इस मामले में तारबंदी से सटे खेत में डिग्गी खोदने की अनुमति में राज्य सरकार के विभागों के अधिकारियों की भूमिका है। ऐसे में निष्पक्ष जांच के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी से जांच कराने की मांग की जाएगी।
अवैध खनन हुआ तो कार्रवाई करेंगे:-
खाजूवाला में बॉर्डर पर जिस खेत में डिग्गी बनाने की अनुमति प्रशासन ने शर्तों के साथ जारी की थी। उसमें कोई अवहेलना हुई है तो कार्रवाई की जाएगी। डिग्गी के लिए निशानदेही बीएसएफ के अधिकारियों की मौजूदगी में की गई थी। निशान वाले स्थान से बाहर खुदाई की गई है तो बीएसएफ कार्रवाई करने में सक्षम है। यदि अवैध खनन पाया गया तो संबंधित काश्तकार की खातेदारी खारिज करने की कार्रवाई करेंगे। वही जिप्सम भंडारा को जप्त किया जाएगा।
श्योराम, उपखंड अधिकारी खाजूवाला।