केंद्रीय कैबिनेट: डीएपी का 50 किलो का बैग 1,350 रुपए में मिलेगा
नई दिल्ली, नए साल में मोदी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक किसानों के नाम रही है। साल के पहले दिन बुधवार को हुई बैठक में डीएपी फर्टिलाइजर के लिए स्पेशल पैकेज को मंजूरी दी गई। इसके तहत फर्टिलाइजर बनाने वाली कंपनियों को सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाएगी। केंद्र सरकार यह सब्सिडी (स्पेशल पैकेज) 31 दिसंबर 2025 तक देगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद बताया कि किसानों को डीएपी का 50 किलो का बैग 1,350 रुपए में उपलब्ध कराया जाएगा। यह ’वन टाइम पैकेज’ काफी महत्त्वपूर्ण है। पड़ोस के देशों में डीएपी का 50 किलो का बैग 3000 रुपए से ज्यादा में मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भले ही कैसी भी स्थिति आ जाए हमें अपने किसानों को सुरक्षित करना है। उनके ऊपर बोझ नहीं डालना है। इसके साथ ही किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम से भी बचना है।
स्पेशल पैकेज पर 3,850 करोड़ का खर्च:-
वैष्णव ने बताया कि स्पेशल सब्सिडी पैकेज पर 3,850 करोड़ रुपए खर्च होंगे। साल 2014 से लेकर अब तक सरकार व पीएम मोदी ने सुनिश्चित किया कि किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव का खमियाजा न उठाना पड़े। 2014-24 तक उर्वरक सब्सिडी 11.9 लाख करोड़ थी जो 2004-14 के दौरान दी गई सब्सिडी से दोगुनी से भी अधिक है।
इस साल जारी रहेगी फसल बीमा योजना
तकनीकी नवाचार के लिए 824 करोड़: योजना के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के उपयोग से पारदर्शिता, दावा गणना और निपटान में वृद्धि होगी। कैबिनेट ने 824.77 करोड़ रुपए की राशि के साथ नवाचार व प्रौद्योगिकी कोष (एफआइएटी) के निर्माण को भी मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दी। इससे 2025-26 तक देश भर के किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के जोखिम कवरेज में मदद मिलेगी।
वैष्णव ने बताया कि नौ प्रमुख राज्य आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और कर्नाटक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल हैं और अन्य राज्यों को भी तेजी से शामिल किया जा रहा है।
किसानों को ठगने पर होगी कार्रवाई:-
डीएपी के नाम पर कुछ लोग किसानों को ठगने का प्रयास करेंगे। मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि अगर कोई ऐसा करते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री