कलक्टर कुमार पाल गौतम ने वीडियो कोंफ्रेसिंग के माध्यम से दिए दिशा-निर्देश एसडीएम नियमित रूप से सुनें आमजन की समस्याएं

बीकानेर, जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि उपखंड अधिकारी अपने कार्यालयों में नियमित जनसुनवाई कर अपने क्षेत्र की जनता की समस्याएं सुनें और राहत दें।
मंगलवार को राजीव गांधी सेवा केन्द्र में वीडियों कोंफ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्व से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि उपखंड अधिकारी स्तर पर नामान्तरकरण के बकाया प्रकरण समयबद्ध निस्तारित हो इसके लिए प्रत्येक सोमवार को बैठक करें। उन्होंने सीमाज्ञान के सभी प्रकरणों का भी समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की जनसुनवाई में भी इस तरक के प्रकरण पहुंचते है, अतः इन्हें प्राथमिकता से निस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा कि रास्तों के विवादों को सूझबूझ से निस्तारित करवाए। यदि कोई रास्ता देने की मांग करते हैं तो मौके पर जाकर प्रकरण को देखें, परम्परागत रास्ते खुलवाएं और नियमानुसार इन्हें अंकित कर दिया जाए ताकि विवाद नहीं हो।
उन्होंने कहा कि उपखंड स्तर पर सरकारी तथा निजी भूमि पर कब्जे की कई शिकायतें प्राप्त हो रही हैं इसके मददेनजर राजस्व अधिकारी माह में एक बार पुलिस व तहसीलदार के साथ बैठक करें और कब्जे हटवाएं तथा सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाएं।
प्राथमिकता से दें स्वीकृति
गौतम ने कहा कि सभी उपखंड अधिकारी औद्योगिक भूमि रूपान्तरण के प्रकरणों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। औद्योगिकीकरण से विकास का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। सभी अधिकारी अपने क्षेत्र में रीको अधिकारियों के साथ बैठक करें और उद्योग-धधों के लिए जो भूमि उपलब्ध है उसके बारे में जानकारी दें। जिला कलक्टर ने कहा कि राजस्व न्यायालय के मामलों को लम्बे समय तक पेडिंग ना रखें और लम्बी तारीखें ना दें। जिन प्रकरणों में सरकार के विरूद्ध स्टे है उनमें पैरवी बेहतर तरीके से की जाए।
गौतम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पानी-बिजली, चिकित्सा और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं सभी को मिलती रहे। प्रशासनिक स्तर पर खामी के चलते ग्रामीण इन सुविधाओं से वंचित न रहे।
सभी उपखंड अधिकारी खाद्य सुरक्षा, संपर्क, पेंशन जैसे प्रकरणों का निस्तारण करते हुए यह भी सुनिश्चित करें कि ईडब्ल्यूएस के प्रकरण 5 दिन से ज्यादा पेंटिंग ना रहे। जिला कलक्टर ने संपर्क पोर्टल पर 6 माह से पुराने प्रकरण को बुधवार को ही निस्तारित करने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे प्रकरणों को पेंडिंग ना रखें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
गौतम ने राजस्व अधिकारियों से म्यूटेशन आॅनलाइन की प्रक्रिया की जानकारी ली और निर्देश दिए कि आमजन को म्यूटेशन आॅनलाइन के बारे में जानकारी दी जाए ताकि इस सुविधा का वे अधिक से अधिक लाभ उठा सके। इससे आम काश्तकार को किसी भी स्तर पर राजस्व कार्मिक या अधिकारी के पास जाने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही आॅनलाइन आवेदन के पश्चात प्रार्थी को आवेदन की स्थिति के बारे में विभाग द्वारा एसएमएस तथा ई-मेल के माध्यम से सूचित किया जाए। ई-मित्र पर नामान्तरकरण आवेदन शुल्क 25 रुपए प्रति आवेदन तथा नामान्तरणकरण आवेदन शुल्क प्रति टोकन 5 रुपए निर्धारित की गई है। इससे म्यूटेशन प्रकरण समयबद्ध रूप से निस्तारित हो सकेंगे तथा प्रार्थी को भी राहत मिलेगी।
गौतम ने भूमि रूपांतरण, अतिक्रमण, खाता विभाजन, म्यूटेशन, वसूली सहित विभिन्न बिंदुओं की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि पटवारियों को पटवार हलके के अनुसार खाता विभाजन करवाने के लिए लक्ष्य आवंटित किए जाएं और यदि पटवारी निश्चित परिणाम नहीं देते हैं तो कार्मिक से लिखित में जवाब लिया जाए। उन्होंने ने कहा कि पात्र लोगों को खातेदारी अधिकार दिए जाने के लिए तहसील स्तर पर जो प्रस्ताव पेंडिंग है उन्हें तुरंत एसडीएम कार्यालय भेजा जाए।