खाजूवाला, खाजूवाला पंचायत में मृतकों के नाम से मनरेगा में फर्जी मस्टररोल बनाकर करोड़ों रुपए का भुगतान उठाने की करतूत सामने आई है। तत्कालीन एवं वर्तमान सरपंच सहित राज्य कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी पूर्वक फर्जी तरीके से भुगतान उठाने पर खाजूवाला थाने में मामला दर्ज कराया गया है। यह मामला खाजूवाला हनुमान मंदिर के पास रहने वाले मोहनलाल पुत्र स्व. पेमाराम मोची ने इस्तगासे के जरिए दर्ज कराया है। उसने परिवाद में बताया कि वह तीन-चार वर्षों से अपने जॉब कार्ड के आधार पर खाजूवाला पंचायत से मनरेगा में रोजगार की मांग कर रहा है लेकिन उसे एक दिन भी काम नहीं दिया गया। जनप्रतिनिधि व सरपंच मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर राजकोष से धनराशि उठा रहे हैं।
उसने बताया कि ग्राम पंचायत खाजूवाला तत्कालीन ग्रामसेवक प्रहलाद बिश्नोई, तत्कालीन लिपिक बालूराम पुत्र शंकरराम, तत्कालीन विकास अधिकारी पंचायत खाजूवाला रामचन्द्र मीणा, पंचायत समिति मनरेगा जेईएन तत्कालीन मांगीलाल, मनरेगा तत्कालीन एईएनरमन, तत्कालीन विकास अधिकारी राजेन्द्र जोईया, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी किशोरीलाल जाट, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी लाखराम जाट, तत्कालीन सरपंच ग्राम पंचायत खाजूवाला विपूल ज्याणी, ग्राम पंचायत सरपंच अशोक आमजन का हक मार कर सरकार के करोड़ों रुपए का गबन कर रहे हैं।
मृतकों के नाम चल रहा खेल :-
परिवादी के मुताबिक राधेश्याम पुत्र मुखराम ओड का ग्राम पंचायत खाजूवाला मनरेगा जॉब कार्ड बना हुआ है, जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी इसी पंचायत से नौ मार्च 2019 को जारी हो रखा है। इसके बावजूद जनप्रतिनिधि व कर्मचारी मिलकर मनरेगा में उपस्थिति दर्शा कर 2640 रुपए का भुगतान उठा लिया। इसी प्रकार कामो पत्नी हुसैन खां की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन मनरेगा में भुगतान उठाया जा रहा है।
न्यायिक अभिरक्षा में व्यक्ति के नाम उठाया भुगतान :-
मृतक जीतसिंह, महेन्द्रसिंह, चंदूराम की मौत के बावजूद लंबे समय से फर्जी मस्टररोल बनाकर भुगतान उठा रहे हैं। इतना ही नहीं दौलतराम की एक सितंबर, 21 से 15 सितंबर, 21 तक उपस्थिति दर्ज कर 2860 रुपए का भुगतान उठाया है। जबकि दौलतराम खाजूवाला थाने में फरार चल रहा था जो 10 सितंबर 21 को गिरफ्तार हुआ और 75 दिन न्यायिक अभिरक्षा में रहा। इसके बावजूद आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर भुगतान उठाया।

