Crime News: राजस्थान में इस जगह करोड़ों की एमडी ड्रग लैब का भंडाफोड़, खेत में बनी थी नशे की फैक्ट्री, NCB कर रही जांच

R.खबर ब्यूरो। सिरोही जिले के दांतराई में कृषि कुएं के पास मिली संदिग्ध सामग्री के मामले ने बड़ा खुलासा कर दिया है। पुलिस की जांच में यह मामला मादक पदार्थ एमडी (ड्रग) बनाने की अवैध लैब से जुड़ा निकला है। पुलिस अधीक्षक प्यारेलाल शिवरान ने बताया कि मौके से जब्त की गई संदिग्ध सामग्री, उपकरण और लैब की जांच एनसीबी जोधपुर और गुजरात की सेंटर फॉर एक्सीलेंस टीम ने की, जिसमें पुष्टि हुई कि यह एमडी ड्रग निर्माण की लैब थी।

एसपी ने बताया कि आरोपी इस लैब में एमडी तैयार कर नशे का कारोबार शुरू करने की फिराक में थे, लेकिन मुखबिर की सूचना पर सिरोही पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर करोड़ों रुपये की इस लैब का भंडाफोड़ कर दिया। यह सफलता जोधपुर रेंज में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

खेत में बनाई थी केमिकल लैब:-

मुखबिर से मिली सूचना पर 4 नवंबर को रेवदर पुलिस ने दांतराई क्षेत्र में जोधाराम पुत्र कंवलाजी पुरोहित, निवासी आमपुरा रानीवाड़ा कल्ला (जालोर) के खेत में बने मकान पर दबिश दी। तलाशी के दौरान वहां से 35 जरीकन और 8 बड़े ड्रम केमिकल से भरे मिले। इसके अलावा प्लास्टिक के कंटेनर, बोतलें, पाउडर भरे कट्टे, हिटिंग मशीन, थर्मामीटर, राउंड बॉटम फ्लास्क, सेपरेटिंग फनल, नोजल ट्यूब सहित कई प्रयोगशाला उपकरण जब्त किए गए।

एनसीबी और गुजरात टीम ने की जांच:-

मौके से बरामद सामग्री की वैज्ञानिक जांच 5 नवंबर को एनसीबी जोधपुर टीम ने की, जबकि 6 नवंबर को गांधीनगर से सेंटर फॉर एक्सीलेंस (एनडीपीएस) की टीम पहुंची। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सभी केमिकल और उपकरण एमडी ड्रग बनाने में उपयोग किए जाते हैं।

आरोपी नामजद, जांच जारी:-

पुलिस ने इस प्रकरण में भावेश उर्फ भूराराम पुत्र डालूराम जाट, निवासी पायला खुर्द, सिणधरी (बालोतरा) हाल निवासी रानीवाड़ा को नामजद आरोपी बनाया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि खेत का मकान जोधाराम ने भावेश को ठेके पर दिया था, जहां एमडी निर्माण की तैयारी चल रही थी।

टीम की भूमिका:-

इस कार्रवाई में आईजी राजेश मीना, एसपी प्यारेलाल शिवरान, एएसपी किशोर सिंह, डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता, थानाधिकारी सीताराम सहित रेवदर थाने की टीम — हेड कांस्टेबल गोविंदराम, कांस्टेबल भजनलाल, हरीसिंह, देशाराम, कांतिलाल, चूनाराम, विपुल कुमार, श्रवण कुमार, दिनेश कुमार, मोहनलाल, सागरमल आदि का विशेष योगदान रहा।

एसपी शिवरान ने बताया कि पुलिस की सतर्कता और मुखबिर तंत्र की सक्रियता से एक बड़ा नशा नेटवर्क शुरू होने से पहले ही ध्वस्त कर दिया गया है। एनसीबी अधिकारी शिवनारायण और डिप्टी डायरेक्टर अजय सोनी (गांधीनगर सेंटर फॉर एक्सीलेंस) की टीम ने भी जांच में अहम भूमिका निभाई।