बीकानेर में जमीनों के फर्जी आवंटन से करोड़ों का नुकसान, पढ़ें पूरी खबर
बीकानेर। जिले के छत्तरगढ़ और पूगल में जमीनों के फर्जी आवंटन का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला हुआ है। प्रशासनिक कमेटी ने जांच में पूगल में 2010 बीघा जमीन पर बाजार मूल्य से 40.20 करोड़ का नुकसान बताया। इधर छत्तरगढ़ में तीन गुना से अधिक 6112 बीघा जमीनों के फर्जी आवंटन पर डीएलसी दरों से केवल 25 करोड़ रुपए का ही नुकसान माना है। जांच में इतने बड़ा अंतर कैसे ये खुद में जांच का विषय है। छत्तरगढ़ और पूगल के गांवों में अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से जमीनों के आवंटन में सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ। रिकॉर्ड में फर्जी तरह से अंकन कर लाभार्थियों को जमीनों का आवंटन कर दिया गया। राज्य सरकार के पास इसकी शिकायत पहुंची तो जिला प्रशासन ने तत्कालीन प्रशिक्षु आईएएस यक्ष चौधरी की अध्यक्षता में गठित कमेटी से जांच करवाई।
कमेटी ने अपनी जांच में माना है कि दो आरएएस सहित अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जमीनों का फर्जी आवंटन किया गया। पूगल में 508.68 हेक्टेयर यानी 2010 बीघा जमीनों का फर्जी आवंटन हुआ। बाजार मूल्य दो लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से सरकार को 40.20 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया। जबकि, छत्तरगढ़ में 6112 बीघा जमीनों के फर्जी आवंटन से नुकसान की गणना डीएलसी दरों से की गई और केवल 25 करोड़ रुपए का ही राजस्व नुकसान माना।
अगर छत्तरगढ़ में एक लाख रुपए बीघा से जमीन का बाजार मूल्य तय किया जाए तो भी 60 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होता है। बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि जांच कमेटी ने पूगल की तरह ही जमीनों के फर्जी आवंटन से नुकसान का आकलन बाजार मूल्य से क्यों नहीं किया गया। हालांकि, बीकानेर में जमीनों के अब तक सबसे बड़े घोटाले की जांच दो स्तर पर की जा रही है। थानों में दर्ज मुकदमों की जांच श्रीगंगानगर के एएसपी सिटी कर रहे हैं। इसके अलावा पिछले दिनों भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर लिए हैं जिनकी जांच एसीबी स्पेशल यूनिट के एएसपी आशीष कुमार को सौंपी गई है।
पुलिस अपनी जांच में देखेगी कि जमीनों का फर्जी आवंटन किसने, कैसे किया और इसमें किसकी मिलीभगत रही और किन लोगों ने रुपयों का लेनदेन किया। जबकि, एसीबी की जांच का दायरा पद के दुरुपयोग तक रहेगा। कौनसे अधिकारी, कर्मचारी ने अपने पद का किस तरह से दुरुपयोग किया जिससे राजस्व नुकसान हुआ। इसका पता लगाया जाएगा।