राजस्थान के नए जिलों पर उपचुनाव बाद होगा बड़ा फैसला, इन छोटे जिलों पर संकट
जयपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय बने नए जिलों की समीक्षा के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी इसी माह के अंत तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है। कमेटी से जुड़े सूत्रों ने भी इसके संकेत दिए हैं। बताया जा रहा है कि नए जिलों को लेकर मंथन लगभग पूरा हो चुका है। कमेटी की अब एक और बैठक होगी जिसमें रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा और उसके बाद रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। हालांकि प्रदेश में सात सीटों पर हो रहे उपचुनाव के चलते कमेटी की बैठक नहीं हो पाई है, उपचुनाव संपन्न होने के बाद की बैठक होगी। इससे पहले कमेटी की आखिरी बैठक 18 सितंबर को मंत्री मदन दिलावर के संयोजन में हुई थी।
वहीं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी नए जिलों की समीक्षा को लेकर राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए थे। जूली ने इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। देखा जाएं तो दूदू, सांचौर, गंगापुर सिटी, शाहपुरा और केकड़ी छोटे जिले है। सूत्रों की माने तो कमेटी छोटे जिलों को खत्म करने या फिर मर्ज करने की सिफारिश कर सकती है। पूर्व में कमेटी ने भी छोटे जिलों पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि एक विधानसभा क्षेत्र जितने इलाके को जिला बना दिया, ऐसे तो 200 जिले बनाने पड़ जाएंगे।