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छतरगढ़-बीकानेर सड़क मार्ग पर प्राइवेट बसों की दबदबा

(रामेश्वर भादू)

छतरगढ़, राजस्थान रोडवेज पथ निगम द्वारा संचालित रोडवेज बसों का छतरगढ़ तहसील क्षेत्र की बड़ी संख्या में सवारियों को संबंधित विभागीय की अनदेखी कारण यात्रियों को मिलने वाली विभिन्न सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।इससे रोडवेज बस विभाग की ओर से आमजन को यात्रा दौरान मिलने वाली बीमा, निशुल्क यात्रा व महिलाओं को 30 प्रतिशत छूट सहित करीब 50 प्रकार की सेवाओं से वंचित रखा जा रहा है।तो दूसरी ओर संबंधित विभागीय की अनदेखी के चलते राज्य सरकार को सालाना करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान पहुंचाते हुए प्राइवेट बसों को बढ़ावा दिया जा रहा है।वही छतरगढ़-बीकानेर रुट की हालत यह है कि रोडवेज बसों को घाटे में बताकर दर्जेनों बसों को बंद किया गया है।तो दूसरी ओर बड़ी तादाद में प्राइवेट बसें वीना परमिट के इस रुट पर भेड़ बकरी की तरह सवारियां ठूंस कर विभाग का ठेंगा दिखाते हुए बेधड़क चल रही है। स्थानिक समाजसेवी लोगों व यात्रियों का मानना है कि प्राइवेट बस संचालक सरकारी तंत्र से बेखौफ होकर रोजाना लाखों रुपए का सरकार को चूना लग रहें हैं। तथा विभाग कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बढ़ावा दे रहा है।ताजुब्ब की बात तो यह है कि ये दर्जेनों बसें छतरगढ़ पुलिस थाना से होकर एसडीएम कार्यालय सामने अस्थाई बस स्टैंड पर आकर खड़ी होती है।और मुख्य बाजार सूरतगढ़ प्राइवेट बस स्टैंड सहित भारतमाला सड़क पर रोडवेज बस स्टैंड परिसर सामने भी खड़ी रहती है।मजे की बात यह है कि इन इनमें से अनेकों बसों के पास ना तो कोई परिवहन का परमिट है और ना ही कोई अनुमति। वहीं दूसरी ओर इन बस द्वारा सवारियों से मनचाहा किराया वसूला जा रहा है।

निजी बसों का बोलबाला

छतरगढ़-बीकानेर,छतरगढ़-सूरतगढ़,सतासर-बीकानेर व लूणकरणसर,बज्जू रूट पर भी निजी बसों का बोलबाला है।इस रूट पर प्रतिदिन 70 से अधिक प्राइवेट बसें चल रही है।वहीं रोड़वेज बसों की संख्या इससे एक तिहाई भी नहीं है। इन रूट पर बिना परमिट की बसों का दबदबा है।

सुबह से रात्रि तक होता निजी बसों का संचालन

छतरगढ़-बीकानेर सड़क पर वर्तमान 40 में प्राईवेट बसें चल रही है। इनका संचालन सुबह 7 बजे से रात्रि 8:10 बजे प्रतिदिन होता है। ये प्राईवेट बसें वापस बीकानेर से वाया छतरगढ़ होते हुए घड़साना,अनूपगढ़,सूरतगढ़, रामसिंहपुर जाती है। इन बसों में से अधिकतर बसें फर्जी तरीके से चल रही है। इनमें से कई बसों के पास तो परमिट ही नहीं है और कुछ के पास है तो वह अन्यत्र का है।

परमिट कहीं का पहुंचती कहीं

खाजूवाला-बीकानेर रूट पर चलने वाली इन बसों के पास परमिट सूरतगढ़,छतरगढ़,सतासर व अन्य गांवों का होता है और ये बसें सवारियां भरकर पिछले कई सालों से बीकानेर पहुंच रही है।ये बसें बीकानेर से छतरगढ़ होते हुए घड़साना अनूपगढ़, सूरतगढ़,रामसिंहपुर रावला,डीडवाना धड्ड़ले से चल रही है।

यात्रियों को नहीं मिल रहा फायदा

छतरगढ़-बीकानेर रूट पर रोड़वेज बसें की संख्या कम होने के कारण सवारियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। इसमें प्रति टिकट के साथ बीमा,महिलाओं को 30 प्रतिशत छूट, वरिष्ठ नागरिक 30 प्रतिशत छूट,80 वर्ष उम्र के व्यक्ति फ्री तथा उसके साथ आने वाले की आधी टिकट आदि रोड़वेज की 50 प्रकार की नि:शुल्क सेवाओं का लाभ से लोग वंचित है।

रोड़वेज बसें, जो हो गई बन्द

छतरगढ़-बीकानेर सड़क पर करीब दो साल पूर्व में बीकानेर,अनूपगढ़, श्रीगंगानगर, जोधपुर सहित अन्य डिपो की रोड़वेज बसों संख्या 30 के करीब थी जो अब घटकर वर्तमान में मात्र 10 रह गई है। इससे बड़ा नुकसान स्थानिक व्यापारियों को हो रहा है। इनसे प्राइवेट बस संचालक लगेज का भाड़ा दो गुना से भी ज्यादा वसुल रहें हैं। एक दूकानदार ने बताया कि एक प्राइवेट बस ने तीन नग का किराया बीकानेर से छतरगढ़ का पांच सौ रुपए वसुला गया है।जो सरासर ग़लत है

इनका कहना है:-

छतरगढ़-बीकानेर बिना परमिट की बसें चल रही है।ऐसी जानकारी मिली है। जिनकी आगामी दिनों में जांच करवाई जाएगी। यदि कोई बस बिना परमिट की पाई जाती है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

जितेन्द्र भाटी, मोटरवाहन उपनिरीक्षक छतरगढ़