कार्यालय सरपंच संघ राजस्थान जयपुर द्वारा जारी मांग पत्र

खाजूवाला, ग्राम पंचायतों को विकास के लिए छोटे राज्य वित्त आयोग की वित्तीय वर्ष 2021-22 की 3000 करोड़ रुपए 15वें वित्त आयोग की द्वितीय किस्त की राशि के पंद्रह सौ करोड़ रुपए जारी की जाए।

ग्राम पंचायतों के विकास की राशि में से मानदेय कर्मियों जैसे पंचायत सहायक, कॉविडहेल्प सहायक, सुरक्षा गार्ड एवं पंप चालक के भुगतान के प्रावधानों को निरस्त कर इनके मानदेय के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाए।

सरपंचों का मानदेय विगत 5 वर्षों से नहीं बढ़ाया जा रहा है। इसे बढ़ाकर 4000 रूपए के स्थान पर 15000 रूपए किया जाए। ग्राम पंचायत के वार्ड पंचों का बैठक भत्ता 500 रूपए एवं पंचायत समिति जिला परिषद सदस्यों का बैठक भत्ता 1000 रूपए किया जाए।

प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के विभागीय त्रुटि से 2.6 लाख काटे जाए गए नामों को पुनः जोड़ा जाए।

जल जीवन मिशन योजना का संचालन एवं संधारण बिना संसाधन एवं बजटीय प्रावधानों के ग्राम पंचायतों पर थोपा जा रहा है। इसके लिए जलदाय विभाग को अधिकृत किया जाए।

ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग द्वारा 29 नवंबर 2021 को समिति निविदा से कार्य संपादित करवाने के जारी आदेश को पुनः संशोधित किया जाए।

ग्रामीण जनता की सुविधा के लिए प्रचलित रास्तों टंकी, बोरिंग, टांका हैडपंप एवं पाइप लाइन के विकास कार्य सहमति के आधार पर करवाने की अनुमति प्रदान की जाए।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित होने से वंचित पात्र लाभार्थियों के नाम जोड़ने के लिए पोर्टल को पुन: खोला जाए।

ग्रामीण क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा आदि के चयन की प्रक्रिया पूर्व की भांति ग्रामसभा के माध्यम से ही संपादित करने के आदेश जारी किए जाए।

ग्राम पंचायत द्वारा जारी भूमि विक्रय विलेख (पट्टा) में त्रुटि होने पर सीधे ही पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के स्थान पर प्रशासनिक स्तर पर अपील का प्रावधान किया जाए।

ग्राम पंचायतों के लेखा परीक्षण के लिए विभिन्न प्रकार के पांच से छह अंकेक्षण दलों के स्थान पर अधिकतम दो अंकेक्षण प्रक्रिया निर्धारित की जाए।

नगरीय क्षेत्र की पेराफेरी सीमा में आने वाली ग्राम पंचायत स्तर के विभिन्न कार्यालयों, सामुदायिक सुविधाओं एवं आबादी विस्तार के लिए आवंटन में उत्पन्न की जा रही जटिलताओं को दूर करने के प्रभावी निर्देश जारी किए जाएं।

ग्राम पंचायत स्तर पर लगभग समस्त कार्य ऑनलाइन प्रक्रिया से संपादित किए जा रहे हैं, जिसके लिए ग्राम पंचायतों को संसाधन उपलब्ध करवाए जाएं।