खाजूवाला, खाजूवाला पंचायत समिति सभागार में आईटीसी मिशन सुनहरा कल राजस्थान सरकार और फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी द्वारा एक दिवसीय संयुक्त क्षमतावर्धन कार्यक्रम प्रधान ममता बिरड़ा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस बैठक में विकास अधिकारी, सरपंच गण, सहायक ग्राम विकास अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
ब्लॉक स्तरीय बैठक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधान ममता बिरड़ा ने संभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि बंजर भूमि, चरागाह विकास सहित शामलात से जुड़े सभी मुद्दों पर अपनी भूमिका से दो कदम आगे बढ़कर काम करें। खाजूवाला ब्लॉक में ओरण गोचर चारागाह की जमीन के लिए हर राजस्व गांव में चरागाह विकास कमेटी गठन हो इसके लिए समुदाय को आगे आना होगा। यह मुद्दे हमारी बुनियाद से जुड़े हुए हैं। शामलात के संसाधनों का संरक्षण और संवर्धन के लिए पंचायत समिति खाजूवाला सदा तत्पर है। प्रधान ममता बिरड़ा ने सरपंचों को बंजर भूमि एवं चारागाह कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने संबंधी बात कही। इसमें उन्होंने सुझाव दिया कि इसमें हर पंचायत लेवल नरेगा के तहत चारागाह में प्लान किया जाए। प्रशिक्षण के दौरान क्षमता वर्धन कार्यक्रम के अंतर्गत संभागियों को ग्राम पंचायत स्तर पर कमेटी के सदस्यों को प्रशिक्षित करने हेतु प्रशिक्षण किया गया।
विकास अधिकारी राजेंद्र जोईया ने बैठक में बताया कि ब्लॉक में मॉडल चरागाह विकसित करने की जरूरत है। जिसमें जिले के लोग इस ब्लॉक में चारागाह को लेकर सीख ले कर आगे अपने गांव में चरागाह का कार्य कर सकें। प्रशिक्षण के दौरान एफईएस जिला समन्वयक कैलाश शर्मा ने भूमि पर पंचायत के अधिकार शामलात संसाधनों की सुरक्षा प्रबंधन के विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि ग्राम स्तर पर वार्ड पंच की अध्यक्षता में चरागाह विकास समिति का गठन किया जाना है। इसमें जिसके माध्यम से चारागाह विकास कार्य करवाए जा सकते हैं। चारागाह का विकास के अंतर्गत खाई खुदाई वृक्षारोपण नाड़ी एवं टांका निर्माण घास चारा लगाने का कार्य करवाया जा सकता है। सभी राजस्व गांव में कमेटी का गठन आवश्यक है।