पेयजल डिग्गियां हो गई खाली, बचा कुचा दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

पेयजल डिग्गियां हो गई खाली, बचा कुचा दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

R.खबर ब्यूरो। खाजूवाला, खाजूवाला सीमावर्ती क्षेत्र में लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्र व खाजूवाला मण्डी के समीप के गांवों की स्थिति सही नहीं है। बता दें कि लोगों को पेयजल आपूर्ति के लिए महंगे दामों में टैंकर मंगवाने पड़ रहे है। हालांकि नहरबन्दी समाप्त हो चुकी है। अब नहरों में पेयजल के लिए पानी जल्द हाने की सम्भावना है।

खाजूवाला के चक 10 केजेडी से लच्छीराम कुम्हार ने बताया कि खाजूवाला से महज चार किलोमीटर दूर गाँव 10 केजेडी में एक फिल्टर प्लांट बना हुआ है तथा दो डिग्गियां बनी हुई है। जिनमें से एक डिग्गी में पानी रहता है जो कि आबादी के लिए पर्याप्त नहीं है। वहीं यहां लगभग 1700 लोगों की आबादी रहती है। बताया जा रहा है कि फिल्टर प्लांट पिछले काफी समय से खराब पड़ा है। अगर यह फिल्टर प्लांट सही हो जाए तो दूसरी डिग्गी में भी पानी भरा जा सकता है। इसी के साथ ही अब लोगों को पेयजल पानी के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है।

खाजूवाला चक 40 केवाईडी से हंसराज कूकणा ने बताया कि खाजूवाला के सीमावर्ती गाँव 40 केवाईडी में लोगों को पेयजल पानी के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। आबादी में तीन डिग्गियां व दो फिल्टर प्लांट बने हुए। बताया जा रहा है कि विभाग की लापरवाही के चलते दोनों फिल्टर प्लांट लगभग एक साल से खराब पड़े है। वहीं तीन डिग्गियों में से एक डिग्गी में ही पानी है जिसमें इतना दूषित पानी है कि इसे पशु भी ना पीये। वहीं लोग इस पानी को पीने को मजबूर है। इस डिग्गी में भी मात्र दो-तीन फूट पानी शेष रहा है। इसी के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां से बॉर्डर पर भी पाइप लाइन जा रही है लेकिन प्लांट सहीं नहीं होने की वजह से जवानों को भी टैंकरों के माध्यम से अन्यत्र स्थानो से टैंकर लाना पड़ता है। इसी के साथ ही ग्रामीण भी महंगे दामों में टैंकर मंगवाने को मजबूर है।

बुधवार को उपखण्ड अधिकारी ने जन अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियन्ता कार्यालय का निरीक्षण किया तो पाया कि यहां कोई भी अधिकारी नहीं है। लोगों का कहना है कि ज्यादातर समय इस कार्यालय में अधिकारी नहीं होते है। ऐसे में आमजन अपनी समस्याओं के बारे में अधिकारी को कैसे बताएं। आमजन जब कार्यालय आते है तो अक्सर अधिकारी नहीं मिलते है।