गांवों में चल रहे हैं छोलाछाप नर्सिंग होग, बिना लाइसेंस चल रही दवा की दुकानें

गांवों में चल रहे हैं छोलाछाप नर्सिंग होग, बिना लाइसेंस चल रही दवा की दुकानें

बीकानेर। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी चिकित्सा सुविधाओं के बावजूद अवैध रूप से न सिर्फ दवा की दुकानें खुल रही है, बल्कि नर्सिंग होम तक खुल रहे हैं। इन्हीं नर्सिंग होम में महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद दौड़कर बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में पहुंचना पड़ता है। ऐसे ही एक नर्सिंग होम पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने इसे सीज कर दिया है। मामला छत्तरगढ़ कस्बे का है। छतरगढ़ में एक अवैध नर्सिंग होम को सीज करने तथा खारवाली में एक झोलाछाप की दुकान को बंद करवाते हुए दोनों झोलाछापों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई है। सीएमएचओ डॉ. पुखराज साध और ब्लॉक सीएमओ खाजूवाला डॉ मुकेश मीणा ने कार्रवाई की है। उपखंड अधिकारी छतरगढ़ ने इस कार्रवाई के लिए एक दल गठित किया,जिसमें आयुर्वेद चिकित्सक डॉ गजेंद्र सिंह तंवर, औषधि नियंत्रण अधिकारी अमृता सोनगरा, पुलिस थाना छतरगढ़ से एएसआई गोविंद सिंह व हेड कांस्टेबल योगेंद्र सिंह तथा तहसील छतरगढ़ से पटवारी नवनीत कुमार शामिल रहे। सीएमएचओ डॉ. साध ने बताया कि छतरगढ़ के रंगीला चौक में गंगानगर नर्सिंग होम के नाम से एक क्लिनिक का अवैध संचालन किया जा रहा था। दुकान में 5 बेड बेड लगे हुए थे जिसमें चार मरीज भर्ती पाए गए जिन्हें ड्रिप लगाई जा रही थी। नर्सिंग होम संचालक कुलविंदर सिंह जो मरीज का इलाज कर रहा था उसके पास किसी प्रकार का कोई रजिस्ट्रेशन, सर्टिफिकेट, लाइसेंस व पंजीकरण नहीं था। बिना स्पष्ट बिल की दवाइयां व जांच उपकरण पड़े मिले। उपयोग की गई सिरिंज, ड्रिप सेट व अन्य मेडिकल वेस्ट यहां वहां फेके पड़े थे जो मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करते पाए गए। कार्रवाई दल द्वारा तत्काल अवैध नर्सिंग होम को सीज करते हुए छतरगढ़ पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई।