











खाजूवाला, कहने को तो खाजूवाला में रोड़वेज का बस स्टेण्ड बना हुआ है। लेकिन यहां न तो बसे जाती है और नहीं सवारियां जाती है। सवारियां चली जाए तो उन्हे वहां बसों की जानकारी देने वाला कोई नहीं है। बस स्टेण्ड जर-जर होता जा रहा है। इस बस स्टेण्ड का उपयोग बस चालक व परिचालक रात्रि को विश्राम करने के लिए उपयोग में लेते है। वहीं बीकानेर-खाजूवाला रूट पर अधिकरत बसें बंद हो जाने व श्रीगंगानगर की बसें स्टेण्ड पर नहीं आकर चौराहे से वापस लौट जाने के कारण इस बस स्टेण्ड पर सन्नटा पसरा रहता है।
खाजूवाला-बीकानेर रूट पर लगभग डेढ़ दशक पूर्व रोड़वेज की 15 से अधिक बसें चलती थी। जिसमें से विभाग ने घाटा दिखाकर 13 बसों को बन्द कर दिया। अब मात्र दो बसें ही इस रूट पर चलती है। वहीं राजस्थान लोक परिवहन सेवा की कुल 7 बसें चल रही है। जिससे आम नागरिकों को प्राईवेट बसों में मजबूरन सफर करना पड़ता है। वहीं ये रोड़वेज की बसें पुलिस चौराहे से ही वापस अपने गन्तव्य के लिए घुम जाती है।
रोड़वेज स्टेण्ड की स्थिति :-

खाजूवाला मण्डी में रोड़वेज बस स्टेण्ड लगभग 3 दशक पूर्व बना था। जब स्टेण्ड बना था तब यहां बसें आती-जाती भी थी। यहां टिकट भी काटी जाती थी, पूछताछ के लिए भी सुविधा थी। लेकिन धीरे-धीरे विभाग की अनदेखी के चलते इस बस स्टेण्ड को बंजर व वीरान बना दिया गया है। यहां ट्यूब लाईट लोग उखाड़ कर ले गए, पंखे लोगों ने उतार लिये, एक-दो कमरे में रात्रि को विश्राम करने के लिए रोड़वेज के चालक व परिचालक आते है इसके अलावा बाकी पूरे दिन बस स्टेण्ड सुनसान व वीरान पड़ा रहता है। यहां बसों का अना भी काफी समय से बन्द हो गया। जिसके चलते यहां सवारियां नहीं आती है। यहां प्याऊ बने है लेकिन उपयोग करने वाला कोई नहीं है।
शराबियों का अड्डा बना बस स्टेण्ड :-

खाजूवाला का रोड़वेज बस स्टेण्ड शराब का अड्डा बन गया है। यहां रात्रि को कोने कचुने में ऐसे लोग बैठे मिलते है जो यहां बैठकर शराब पीने आते है। हालांकि पुलिस गस्त के दौरान यहां का चक्कर लगाती है और ऐसा कोई सख्स मिलने पर उसे भगाती है या कार्यवाही भी करती है लेकिन फिर भी लोग एकांत देखकर यहां आ ही जाते है। इस बस स्टेण्ड परिसर में खाली शराब की बोतलें मिलना तो आम बात हो गई है।
सरकार के करोड़ों रुपए बेकार :-
खाजूवाला का रोड़वेज बस स्टेण्ड १996 को पूर्व सांसद मनफूल सिंह भादू के द्वारा 10 लाख रुपए की लागत से बनवाया गया था। जिसका उद्घाटन सांसद मनफूल सिंह भादू द्वारा 21 दिसम्बर 1996 को किया गया था। जिसके बाद यहां बसों का आना जाना रहता था। लेकिन डेढ़ देशक पूर्व से यह बस स्टेण्ड मानों बन्द सा हो गया है।
खाजूवाला-श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ रूट घटी बसें :-
खाजूवाला-श्रीगंगानगर व अनुपगढ़ हनुमानगढ़ रूट पर यूँ तो हर 15 मिनिट बाद बसों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन इनमें ज्यादा तर बसें प्राईवेट है। इस रूट पर प्रतिदिन 40 से अधिक प्राईवेट बसें चल रही है। वहीं रोड़वेज बसों की संख्या इससे आधी से भी आधी हो गई है। जबकि कई वर्षों पूर्व इस रूट पर 27 बसें श्रीगंगानगर, अनुपगढ़ व हनुमानगढ़ की तरफ जाती तथा 27 बसें ही वापस आती भी थी। जो आज घटकर बहुत कम हो गई है।
बीकानेर रूट के हाल :-
खाजूवाला-बीकानेर मार्ग पर पूर्व में रोड़वेज बसें सुबह 6 बजे सीकर डीपों की चलती थी जो कि आगे जयपुर भी जाती थी। सुबह 7:15 बजे सरदारशहर, 7:45 बजे श्रीगंगानगर डीपों, 8:30 बजे बीकानेर डीपों, 10:45 बजे बीकानेर डीपों, 12:30 बजे अनुपगढ़ डीपों, 1:30 बजे बीकानेर डीपों, 2 बजे बीकानेर डीपों, 2:30 बजे बीकानेर, 3:50 अनुपगढ़ डीपों, 4:20 अनुपगढ़ डीपों, 5 बजे अनुपगढ़ डीपों, 6 बजे बीकानेर डीपों की बसें चलती थी। लेकिन ये सब बसें वर्तमान में बन्द हो गई है।
अब इस रूट पर रोड़वेज की मात्र दो बसें चलती है जो कि खाजूवाला से प्रात: सुबह 9 बजे, 11:40 बजे, 3:10 बजे चलती है तथा ये ही वापस बीकानेर से वापस 7:15, 9:30, 11:50, 3 बजे वापस आती है।
सवारियों को रोड़वेज की सुविधाओं का नहीं मिल रहा फायदा :-
खाजूवाला क्षेत्र में रोड़वेज बसें धीरे-धीरे बन्द होती जा रही है। जिसके कारण सवारियों को रोड़वेज की सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। जिसमें प्रति टिकट के साथ बीमा, महिलाओं को 30 प्रतिशत छुट, वरिष्ठ नागरिक 30 प्रतिशत छुट, 80 वर्ष उम्र के व्यक्ति फ्री तथा उसके साथ आने वाले की आधी टिकट जैसी रोड़वेज की कुल 50 प्रकार की नि:शुल्क सेवाओं का लाभ से लोग वंचित है।

