











ग्राम पंचायत से नगरपालिका बनी लेकिन हालात बद से बदत्तर
वोटों की राजनीति के चलते खाजूवाला का विकास शून्य

खाजूवाला, बरसाती मौसम में खाजूवाला मण्डी का प्रत्येक वार्ड पानी में डूबा हुआ है और जिम्मेदार बचते फिर रहे हैं। लगता है उनको मण्डीवासियों से कोई सरोकार नहीं अन्यथा मण्डी में ऐसे हालात पैदा ना होते। पूरी मण्डी में चारों ओर पानी ही पानी तथा गन्दगी का आलम है। लोगों के घरों, दुकानों और गोदामों में पानी भर गया। समस्त सड़कें लबालब हो चुकी हैं लेकिन राहत के नाम पर कुछ भी नहीं। खाजूवाला ग्राम पंचायत से अब नगरपालिका बन चुकी है लेकिन खींचतान के चलते आम आदमी बुरी तरह से त्रस्त है।

पिछले लगभग 15 दिनों से खाजूवाला क्षेत्र में लगातार बरसात का दौर चल रहा है। बरसाती पानी मौहल्लों में इक्कठा हो रहा है। लोगों के घर डूब रहे हैं तथा कच्चे मकान गिर रहे हैं इससे किसी को कोई सरोकार नहीं है अन्यथा मण्डी में कोई जनप्रतिनिधि सुध लेता। महज वोटों की राजनीति के चलते पूरी मण्डी का बुरा हाल है। प्रत्येक वर्ग विकास न होने से बुरी तरह से परेशान है लेकिन आखिर कर भी क्या सकते हैं। सोमवार सुबह से ही रुक-रुक कर बरसात का दौर शुरू हुआ जो सायं लगभग 4ः30 बजे अचानक मुसलाधार बरसात ने पूरी मण्डी को तर-बतर कर दिया तथा विकास के नाम पर उन लोगों की पोल खोल दी जो विकास के बड़े-बड़े वायदे और दावे करते आ रहे हैं। अब न जाने उन लोगों को सांप सूघ गया फिर जनता से कोई सरोकार नहीं रहा अन्यथा वे मण्डीवासियों की सुध लेते। पूरी मण्डी में चारों और पानी ही पानी जमा हो गया है और पूरी मण्डी टापू बन चुकी है। कोई भी सड़क ऐसी नहीं है, जहां पानी ना खड़ा हो। आमजन को वाहन और पैदल चलने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है अन्यथा मण्डी के ऐसे हालात ना होते। पुरानी मण्डी का सारा गन्दा और बरसाती पानी अक्सर रोडवेज बस स्टैण्ड रोड, बस स्टैण्ड के अन्दर तथा मिस्त्री मार्केट में जमा होता है। वहीं सोसायटी रोड़ पर भारी मात्रा में पानी जमा होने से आवागमन में बाधा पैदा हो रही है। पावली रोड़ जो कि पिछले 15 दिनों से सूरसागर बनी हुई है। हॉस्पीटल से लेकर तेरापथ भवन से आगे तक व्यक्ति अगर पैदल चलना चाहे तो कोई ना कोई बड़ा हादसा हो सकता है। पुराना पोस्ट ऑफिस रोड तथा वार्ड नम्बर 16, 19 आदि का सारा गन्दा और बरसाती पानी निचले क्षेत्र के वार्ड नम्बर 2 में गणेश मंदिर और दुर्गा मंदिर के पीछे जमा होता है। पानी निकासी का नाला टूटने के कारण लगभग 6 घर पानी से जलमग्न हैं और नींव में पानी जाता है लेकिन इससे किसी जनप्रतिनिधि और अधिकारी के कोई फर्क नहीं पड़ता अन्यथा इसका कोई स्थाई समाधान करते। खाजूवाला मण्डी में करोड़ों रुपये का बजट लगाया गया लेकिन आज तक पानी निकासी और नालियों की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं हुई। विकास के नाम पर लगने वाले करोड़ों रुपये आखिर भ्रष्टाचार की भेंट चढ गये या फिर कोई डकार गया जिससे खाजूवाला का विकास नहीं हो पाया।

