खाजूवाला चिकित्सालय में कोरोना कैम्प के दौरान दो महिलाओं ने नर्सिंग कर्मी पर लगाया था छेड़छाड़ का आरोप, कमेटी की जाँच, वायरल ऑडियो को बताया झुठा

खाजूवाला, खाजूवाला में गत दिनों दो महिलाओं ने अलग-अलग ऑडिया वायरल कर खाजूवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के एक नर्सिंग कर्मी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। ऑडियो वायरल होने के बाद परिवादियों ने कहीं भी भी लिखित शिकायत नहीं की। इस सम्बन्ध में एक पत्र भी वायरल हुआ जिसमें उन्होंने धमकियां मिलने की बात कही। लेकिन परिवादी ने अभी तक न तो चिकित्सा विभाग और न ही पुलिस में इसकी लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। हालांकि इस सम्बन्ध में ऑडियो में नाम लिए गए नर्सिंग कर्मी का एपीओ कर दिया गया है।


इस सम्बन्ध में सोमवार को सीएचसी में पत्रकार वार्ता की गई। जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चिकित्सा प्रभारी डॉ.अमरचन्द बुनकर ने अवगत करवाया कि गत दिनों संस्थान के कार्मिक सुशील भंवरीया के द्वारा कथित रूप से कोरोना जाँच के दौरान किसी अज्ञात महिला को छुने का ऑडियो वायरल हुआ था परन्तु उक्त महिला या उसके किसी भी परीजन ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अस्पताल प्रभारी या पुलिस प्रशासन को कोई लिखित परिवाद या शिकायत आज तक दर्ज नहीं करवाई है। परन्तु प्रकरण की गम्भीरता को समझते हुए उच्चाधिकारियों के आदेशों पर एक जाँच कमेटी बनाकर पूरे प्रकरण की जाँच गई। कमेटी ने उस दिन कोरोना जाँच हेतु आई लगभग सभी महिलाओं से व्यक्तिगत फोन पर बात की तो सभी महिलाओं ने इस घटना होने से स्पष्ट इनकार किया और कहा कि इस तरह की घटना उनके साथ नहीं हुई। जाँच वाले कक्ष में अन्दर जाने का जो रास्ता था उसके आगे टैबल लगी हुई थी व जाँच करने वाले अन्दर की तरफ व जाँच करवाने वाले हम सभी बाहर की तरफ थे, जाँच उपरान्त सभी को तुरन्त वहां से भेजा जा रहा था। जबकि आरोप लगाने वाली महिला का कहना है कि नर्सिंग कर्मी सुशील ने मुझे अन्दर बुलाया व अन्य सभी महिलाओं को भी अन्दर बुला रहा था। आरोपी महिला ने ऑडियो में कहा है कि वह दो माह की गर्भवती है व आयरन के टीके लग रहे है। उस दिन भी वह आयरन का टीका लगवाने सीएचसी आई थी। सोमवार को कथित घटना वाले दिन जिन-जिन महिलाओं के आयरन के टीके लगे थे उन सभी महिलाओं के सभी बयान लिये गए तो उन सभी महिलाओं ने ऐसी किसी प्रकार की धटना होने से स्पष्ट इनकार किया है।
डॉ.बुनकर ने बताया कि सम्बन्धित कार्मिक सुशील भंवरीया ने अपने स्पष्टीकरण में इस तरह की किसी भी घटना का खण्डन करते हुए इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उक्त कैम्प दिवस डियूटी पर मौजूद अन्य कार्मिको के बयान लिए गए तो उन्होंने कहा कि जाँच पश्चात ना तो कोई महिला उस कक्ष में गई और ना ही उन्होंने ऐसा कोई वाक्या होते हुए देखा तथा ना ही किसी महिला ने उन्हे आकर ऐसी किसी भी घटना होने की शिकायत की है। कमेटी द्वारा जाँच कर उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी है।