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साइलेंस पीरियड में प्रत्याशी और समर्थक कर सकेंगे डोर-टू-डोर जनसम्पर्क

मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले प्रचार संबंधी गतिविधियों पर रोक का प्रावधान

R.खबर, बीकानेर। लोकसभा चुनाव के तहत मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले बुधवार शाम 6 बजे प्रचार संबंधी सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसके बाद प्रत्याशी और समर्थक डोर-टू-डोर जनसंपर्क ही कर सकेंगे। इसमें भी अधिकतम 5 व्यक्ति ही एक साथ रह सकेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी नम्रता वृष्णि ने बताया कि मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटे की समय अवधि को साइलेंस पीरियड घोषित किया गया है। इसके तहत 17 अप्रेल शाम 6 बजे से मतदान समाप्ति तक रैली, जुलूस, सार्वजनिक सभाओं व लाउडस्पीकर से प्रचार पर प्रतिबंध रहेगा।

वाहनों से मतदाताओं के परिवहन पर रहेगी रोक:-

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक पार्टी एवं प्रत्याशी की ओर से मतदान समाप्ति के 24 घंटे पूर्व से मतदान समाप्ति तक मतदाताओं को वाहनों से मतदान केद्रों तक लाने और ले जाने पर रोक रहेगी। मतदान के दिन मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का प्रचार-प्रसार नहीं होगा। चुनाव ड्यूटी में लगे पुलिस अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति मतदान के दिन मतदान केंद्र से 200 मीटर की परिधि के अंदर मोबाइल फोन, सेल फोन या वायरलेस का उपयोग नहीं करेगा। आदेशों की अवहेलना भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडनीय होगी।

थिएटर, टेलीविजन से भी प्रचार पर रोक:-

जिला निर्वाचन अधिकारी वृष्णि ने बताया कि मतदान समाप्ति से 48 घंटे की समायावधि में चुनाव से जुड़ी सभी सार्वजनिक सभा, जुलूस के साथ चलचित्र, टेलीविजन या वैसे ही अन्य साधनों से जनता के समक्ष किसी भी निर्वाचन संबंधी प्रदर्शन किए जाने पर प्रतिबंध रहेगा। प्रत्याशी विशेष के पक्ष में संगीत समारोह, नाट्य अभिनय या मनोरंजन के कोई अन्य साधन से चुनाव सम्बंधी प्रचार नहीं किया जा सकेगा।

बाहरी राजनीतिक व्यक्ति नहीं रहेंगे:-

मतदान से 24 घंटे पहले बाहरी राजनीतिक व्यक्ति को लोकसभा क्षेत्र छोड़ना होगा।

राज्य का सुरक्षा कवच प्राप्त राजनीतिक व्यक्ति यदि सम्बंधित निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है, तो वह अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा। सामुदायिक केन्द्रों, धर्मशालाओं, गेस्ट हाउस, लॉज तथा होटलों में ठहरने वाले व्यक्तियों की निगरानी व सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं।