ईंट भट्टा संचालकों को बताए पर्यावरण बचाने के उपाय, कार्यशाला आयोजित

खाजूवाला, जिला ईंट भट्टा संघ की ओर से गुरुवार को जाट धर्मशाला खाजूवाला में ईंट भट्टा क्षेत्र के लिए पर्यावरण उपायों पर कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें खाजूवाला ईट भट्टा संघ के ईंट भट्टा मालिक के साथ राजकुमार मीणा क्षेत्रीय अधिकारी राजस्थान स्टेट प्रदूषण बोर्ड बीकानेर, गिरिराज व्यास सहायक पर्यावरण अभियंता राजस्थान स्टेट प्रदूषण बोर्ड बीकानेर व नारायण गहलोत जिला अध्यक्ष ईट भट्टा संघ बीकानेर ने बैठक रखी।

अध्यक्ष नारायण गहलोत ने बताया कि पर्यावरण को बचाने और ईंट भट्टों के संचालन को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा की। इसमें वायु प्रदूषण को कम करने, पानी के संरक्षण और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने जैसे विषय पर चर्चा हुई। कार्यशाला में जिग-जैग तकनीक, भट्टी में सुधार और स्वच्छ ईंधन के उपयोग आदि विधियों पर ईंट भट्टा संचालकों को टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उत्सर्जन को कम करने के लिए पेड़ लगाना और टिकाऊ सामग्री का उपयोग करना ठोस कचरा प्रबंधन पर चर्चा की गई। राज्य मंडल ने ईंट भट्टों के फायर संचालन का समय 1 जनवरी से 30 जून रखा गया है। इसके संदर्भ मे जानकारी दी गई। साथ ही आदेश की सती पालना के लिए निर्देशित किया गया। इसमें 1 जनवरी 2026 से प्रारंभ होने वाले नए नियमों के बारे में बताया।

कार्यक्रम में ईंट भट्टा संचालक ने समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा कि जिग-जैग भट्टे का कोई भी मैन्युअल सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया, जिससे असमंजस की स्थिति में है। इस संबंध कार्यशाला भी रखी जाए। साथ ही सरकार सभी प्रकार के उद्योगों के लिए सब्सिडी प्रदान करती है, भट्टे के निर्माण और संसाधन में काफी बड़ा खर्च आता है। अत: सरकार उसमें सब्सिडी का प्रावधान दे इससे इस रोजगार से अधिक लोग जुड़ सके। मंच संचालन राकेश कस्वां और जगविंदर सिंह सिद्धू ने किया। इस अवसर मूलाराम कुकणा, देवीलाल लिबा, सुरेंद्र सिंवर, जियाराम पूनियां, अकरम खान साहू, कालूराम कुंट, हरी पूनियां, राकेश डेलू, अजय डूडी, विनोद कुमार, रघुवीर सिंह खींची, हनीफ नागौरी, रामेश्वर लाल, मनीराम खिचड़, बाघाराम गोदारा, मेघराज सियाग, विनोद देहडू, मंजूर अली, शौकत कोहरी, महेन्द्र थापन आदि उपस्थित रहे।