कॉलोनाइजेशन में कृषि भूमि के फर्जी आवंटन का खुलासा ACB ने कलक्टर को जांच के लिए भेजा प्रकरण
खाजूवाला, भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र खाजूवाला में सरकारी भूमि का फर्जी तरीके से वास्तविक आवंटन दिखाकर करीब 45 करोड़ की 300 बीघा कृषि भूमि का घोटाला मामला सामने आया है। ACB ने इस संबंध में 4 RAS अधिकारी, तत्कालीन तहसीलदार, पटवारी सहित कुल 25 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसमें तीन RAS अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ACB ने जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल को भी प्रकरण जांच के लिए भेजा है।
कॉलोनाइजेशन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भूमिहीन श्रेणी के किसानों को फर्जी आवंटन आदेश पर तहसील के सेल रजिस्टर में वर्ष 1984-88 की दरों के आधार पर राशि जमा कर राजस्व रिकॉर्ड में प्रविष्टियां कर दी। तत्कालीन राजस्व अपील अधिकारी ने आदेश भी जारी कर दिए। तहसीलदार पटवारी और भू अभिलेख निरीक्षकों ने भी जमीनों के नामांतरण दर्ज कर दिए। एसीबी ने ऐसे 9 फर्जी आवंटन पकड़े हैं।करीब 300 बीघा कृषि भूमि फर्जी आवंटन के आधार पर देने का प्रयास किया है। ACB ने आसूचना के आधार पर 2017 में PE दर्ज की थी। मामले की जांच ASP रजनीश पूनिया ने की। कॉलोनाइजेशन और राजस्व विभाग के रिकॉर्ड लेने में ACB को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा। ACB अधिकारियों का मानना है कि ऐसे सैकड़ों फाइलें हैं। विस्तृत जांच के बाद और भी मामले सामने आएंगे।
दो RAA और एक RAS रिटायर हो चुके, आरोपियों में 9 लाभार्थी भी शामिल
फर्जी तरीके से भूमिहीन किसानों को जमीन आवंटित करने पर ACB ने तत्कालीन RAA रामेश्वर दयाल मीणा और रामदेव गोयल दोनों सेवानिवृत्त, तत्कालीन तहसीलदार राजेश नायक वर्तमान SDO, रामचंद्र पचार RAS, तहसीलदार महावीर प्रसाद बाकोलिया व किस्तूरीलाल, तत्कालीन पटवारी अनिल गुप्ता, जुगल किशोर शर्मा, हरिराम, प्रभु दयाल, तत्कालीन भू अभिलेख निरीक्षक कैलाश चंद्र, गुरदेव सिंह, किशन सिंह, रामेश्वर लाल कस्वां, राजस्व लेखाकार मेघाराम व श्याम सिंह। लाभार्थी बच्ची, मन्नत, जन्नत, अजीजुल्ला, सुमेरमल, नवाब खां, जन्नत पुत्री फरीद खान, बच्ची पत्नी वजीर खान और बुद्दे खान प्रत्येक लाभार्थी को 20 से 35 बीघा कृषि भूमि तक का आवंटन फर्जी तरीके से किया गया था।