-7 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन दिया एसडीएम को
-सरकार व विपक्ष दोनो किसानों को कर रहे भ्रमित-पुरोहित
खाजूवाला, राष्ट्रीय किसान संघ की बैठक बिश्नोई धर्मशाला में संभाग कार्यकारी अध्यक्ष बीरबलराम डारा की अध्यक्षता में शुक्रवार को संपन्न हुई। बैठक में खाजूवाला क्षेत्र के किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला कलेक्टर के नाम का ज्ञापन उपखंड अधिकारी को दिया गया। वहीं 7 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने उपखंड अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया।
संघ राष्ट्रीय मंत्री व गुजरात प्रभारी महावीर पुरोहित ने बैठक में कहा कि वर्तमान में प्रशासन व राजनीतिक नेताओं के गठबंधन से किसानों का उचित कार्य नहीं हो रहा है। प्रशानिक अधिकारियों को शासन का कोई भय नहीं रहा है। राज्य में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। किसान परेशान है। ऐसे में राष्ट्रीय किसान संघ के पदाधिकारी का दायित्व है कि किसानों की पीड़ा को समझ कर शासन व प्रशासन के सामने किसानों की आवाज उठावे। सरकार व विपक्ष वोटो की राजनीति में किसानों को भ्रमित कर रहा है। वर्तमान में डैम में पानी की कोई कमी नहीं है। फिर भी किसानों को पानी के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। जो सरकार के लिए शर्मनाक है।

राष्ट्रीय किसान संघ तहसील प्रभारी हेतराम दिलोईया, तहसील मंत्री महावीर मंडा व तहसील अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह ने बताया कि बैठक में के बाद किसानों द्वारा उपखंड अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया। वहीं जिला कलेक्टर के नाम का ज्ञापन एसडीएम को देखकर मांग की कि आगामी रबी रेगुलेशन 6 माह का बनाया जावे, पिछले रबी फसल की गिरदावरी के अनुसार फसल खराबी का बीमा क्लेम एवं सरकारी मुआवजा जो आज तक किसानों को नहीं मिला है वह अतिशीघ्र किसानों को दिलवाया जावे, पानी के अभाव में वर्तमान खरीफ फसल भी खराब हुई है। फसल खराबी की स्पेशल गिरदावरी करवरकर बीमा कंपनी से क्लेम दिलवाया जावे, सरकार द्वारा मुआवजा शीघ्र दिलाया जावे, गिरदावरी पोर्टल जो कि पिछले चार-पांच महीने से खराब है जिसे शीघ्र चालू किया जावे, अनूपगढ़ शाखा में 2550 क्यूसेक पूरा पानी चला कर अंतिम छोर तक पानी पहुंचा जावे, प्रभावशाली लोगों द्वारा साइफन द्वारा पानी की चोरी की जाती है उन पर प्रभावी कार्रवाई की जावे, नहर निर्माण के दौरान छोड़ा हुआ मलबा शीघ्र नहर से निकलने का कार्य किया जावे।
वही इस मौके पर किसान राकेश गोदारा, प्रेम बेनीवाल, तेज सिंह, इकबाल सिंह, राकेश ज्याणी, हरीश मंडा, उदयपाल खोखर व जगदेव सिंह आदि ने अपने विचार रखें।