भूमि आवंटन में फर्जीवाड़ा, तीन एसडीएम और एक तहसीलदार जांच के घेरे मे

पूगल में भूमि आवंटन के 169 प्रकरण की जांच में मिली गड़बड़ियां

R. खबर । खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र के पूगल में किसानों को कृषि भूमि आवंटन में भारी अनियमितएँ सामने आई है। राज्य सरकार के आदेश पर हुई जांच में इसका खुलासा हुआ है, ऐसे में 4000 बीघा से अधिक आवंटन निरस्त करने की तैयारी की जा रही है। पूगल उपखंड में अगस्त 2021 से लेकर अगस्त 2023 तक कृषि भूमि आवंटन के 400 मामलों की जांच के लिए जिला कलेक्टर ने एक RAS अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी ने सभी मामलों की जांच कर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी गई है। जांच में 169 पर प्रकरणों में अनियमितताएं मिली है। आरोप है कि तत्कालीन उपखंड अधिकारी सीता शर्मा ने नियमों को तक में रखकर जमीनों को आवंटित कर दिया। जांच में सामने आया कि भूमि आवंटित करने के लिए 400 किसानो की एक सूची तैयार की गई थी। इस सूची के अनुसार पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आवंटन किया जाना था। लेकिन 30 मामले ऐसे सामने जिसमे वरीयता लांघकर किसानों को भूमि आवंटित कर दी गई है। इसके अलावा अन्य मामलों में अधिकार से बाहर जाकर जमीनों का आवंटन किया गया है।

सामने आई गड़बड़ी
घडसीसर निवासी लाल मोहम्मद का पूगल में खेत है। उन्हें 1984 में कृषि भूमि आवंटित हुई थी, लेकिन कब्जा नहीं मिला। तत्कालीन एसडीएम राजेश नायक के कार्यकाल में उनका पता बन गया। इस दौरान आवंटन में गड़बड़ियां उजागर हुई तो सरकार ने काफी आवंटन निरस्त कर दिए। इस पर ज्यादातर किसान रिवेन्यू बोर्ड और कोर्ट से स्टे ले आए। उसी में लाल मोहम्मद उनकी 25 बीघा कमांड भूमि शामिल थी। उन्होंने बताया कि उनकी जमीन शुद्धि पत्र की आड़ में गुपचुप किसी और को की जा रही थी। इसका पता चलने पर रिवेन्यू बोर्ड अजमेर से लेना पड़ा। कलेक्टर ने सुनवाई नहीं की तो जमीन घोटाले की शिकायत राज्य सरकार से की। उनका आरोप है कि नायक के कार्यकाल में 700 मुर्बो का घोटाला हुआ था। जिसमें कई राजनेताओं की भी भूमिका थी सभी मामलों कोर्टों और सुनवाई चल रही है।

जून 23 में जब्त हुआ था एसडीएम ऑफिस का रिकॉर्ड
पूगल में जमीन के आवंटन को लेकर तत्कालीन एसडीएम सीता शर्मा और प्रधान गौरव चौहान के बीच विवाद चल रहा था। प्रधान ने कलेक्टर से शिकायत की कलेक्टर के आदेश पर 25 जून 2023 को तत्कालीन एडीएम प्रशासन ओम प्रकाश पूगल पहुंचे। एसडीएम कार्यालय से रिकॉर्ड जब्त कर लिया। कार्यालय से भूमि आवंटन से संबंधित काफी फाइलें जब्त की गई थी। एसडीएम को एपीओ कर दिया गया। उसे वक्त राज्य सरकार में भी कई शिकायतें की गई थी।

पूगल उपखंड में भूमि आवंटन के 169 प्रकरणों में अनियमितताएं मिली हैं। इनके आवंटन निरस्त करने के लिए उपनिवेशन में एक्ट 22/23 के तहत जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रकरण पेश किए जाएंगे। कोर्ट में कार्रवाई के दौरान आवंटन निरस्त होंगे।

पूगल-छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा गड़बड़ियां मिले-
कांग्रेस के शासन में जिले में पूगल और छतरगढ़ में भूमि आवंटन के मामले में सबसे ज्यादा गड़बड़ियां हुई है। हालत यह है कि पिछले 5 साल में यहां कार्यरत रहे तीन एसडीएम और एक तहसीलदार के खिलाफ अब तक जान चल रही है। सीता शर्मा का मामला ताजा ही है। उन्होंने अपना ट्रांसफर करवा लिया, लेकिन जांच चल रही है। इससे पूर्व एसडीएम राजेश नायक को चार्जसीट मिल चुकी है। उनके कार्यकाल में 700 मुरबो में गड़बडी का आरोप लगे थे। छतरगढ़ के पूर्व एसडीएम हरेन्द्र रिटायर्ड हो गए हैं। लेकिन उनके कार्यकाल में गड़बड़ी वाले 300 प्रकरणों की जांच अभी तक जारी है। छतरगढ़ के तत्काल तहसीलदार कुलदीप कस्वां ACB उनकी जांच में फंसे हैं। उनके विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। तहसील पर पिछले साल ACB का छापा पड़ा था। अकाउंटेंट के पास 2 लाख से अधिक की रकम मिली थी। उस पर ACB ने केस दर्ज किया था।