खाजूवाला को अनूपगढ़ जिले में शामिल करने पर व्यापारियों सहित अनेको संगठनों में रोष, बाजार अनिश्चित कालीन बंद । देखे वीडियो खबर…

अनिश्चितकालीन बाजार पूर्णतया रहेगा बन्द, आपातकालीन सेवा मेडिकल स्टोर अनिश्चितकालीन बन्द


खाजूवाला, खाजूवाला को अनूपगढ़ जिले शामिल किए जाने को लेकर सोमवार को खाजूवाला मण्डी का बाजार बन्द रहा। यहां सभी व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान बन्द रखकर विरोध प्रदर्शन किया तथा सदर बाजार चौक पर सभी ने एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। वहीं बाजार में रैली के रूप में जुलूस निकालते हुए सभी लोग खाजूवाला मुख्य चौराहे पर बैठैे यहां कुछ समय के लिए यातायात व्यवस्था ठप हो गई। यहां लोगों द्वारा केबिनेट मंत्री के खिलाफ तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन नायब तहसीलदार को देकर मांग की कि खाजूवाला को बीकानेर जिले में ही रखा जाए। यहां एक सभा का आयोजन हुआ। जहां दर्जनों वक्ताओं ने अपने विचार रखे। यहां व्यापारियों ने मेडिकल स्टोर सहित पूरा बाजार अनिश्चितकालीन बन्द करने का निर्णय लिया है।


व्यापारी मोहनलाल सिहाग ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम कांग्रेस के कार्यकर्ता है तथा आज यह दुर्भग्यपूर्ण दिन आया है कि हमें अपनी ही सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने जो 19 नए जिले बनाए है।उसमें अनूपगढ़ जिला बनाया है तथा खाजूवाला को अनुपगढ़ में जोड़ा है तथा दंतौर को बीकानेर जिले में ही रखा गया है। जिसके कारण खाजूवाला तहसील के अन्र्तगत मात्र 13 पटवार हल्का क्षेत्र ही बचा है। जिससे खाजूवाला वासियों में भारी रोष व्याप्त है। लोगों ने यह मांग की है कि खाजूवाला को बीकानेर जिले में ही रखा जाए खाजूवाला को किसी भी सुरत में अनूपगढ़ जिले में नहीं जोड़ा जाए। वहीं सभी व्यापारियों तथा लोगों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन नायब तहसीलदार को दिया गया है। क्योंकि खाजूवाला के बसने के बाद आज तक बहुत विकास हुआ है। वहीं सरकार के इस निर्णय से इस सारे विकास पर पानी फिर रहा है। खाजूवाला को तोडऩे की शाजिस नहीं होने दी जाएगी। खाजूवाला को बीकानेर में ही रखा जाए अन्यथा सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। खाजूवाला को बचाने के लिए अनिश्चितकालीन बाजार बन्द रखने का निर्णय लिया गया है।


एडवोकेट पुरूषोतम सारस्वत ने कहा कि राज्य सरकार शासन दृष्टिकोण से जो कार्य कर रही है। उसका मोटो रहता है कि जनता को सुल्भ न्याय व सुल्भ व्यवस्था मिले। लेकिन उपखण्ड खाजूवाला को तोडक़र के 13 पटवार मण्डल ही बचे है। वहीं पूगल उपखण्ड के अन्र्तगत अब 35 पटवार मण्डल हो गए है। खाजूवाला को तोडक़र जो राजनीति की जा रही है वह जनता सहन नहीं करेगी। अनूपगढ़ जिले में खाजूवाला के जाने से यहां ब्लॉक स्तरीय कार्यालय यहां से चले जाएंगे। जिसका असर बाजार पर भी पड़ेगा। यहां जो कर्मचारी है वो चले जाएंगे। जिससे बाजार में व्यापार भी प्रभावित होगा। जिससे खाजूवाला को भारी नुकसान होगा। सोमवार को प्रदर्शन करते हुए सभी व्यापारिक संगठनों ने समर्थन देते हुए खाजूवाला का बाजार अनिश्चितकालीन बन्द रखने का निर्णय लिया है। वहीं मंत्री मेघवाल कहते है कि ये प्रदर्शन भाजपा के लोग कर रहे है। जबकि इसमें सभी व्यापारी तथा कांग्रेस भाजपा के कार्यकर्ता भी शामिल है। वहीं लोगों ने एक ही मांग की है कि खाजूवाला को बीकानेर जिले में ही रखा जाए।

ऐसे चला प्रदर्शन
नए जिले अनूपगढ़ में खाजूवाला को शामिल करने को लेकर सोमवार को खाजूवाला का बाजार पूर्णतया बन्द रहा। वहीं यहां व्यापारी, समाज सेवी, जनप्रतिनिधि, संगठनों के लोग तथा किसान पहुंचे। खाजूवाला सदर बाजार स्थित चौक पर पहले सभी लोग एकत्रित हुए। यहां से जुलूस के रूप में खाजूवाला मण्डी के मुख्य मार्गों से होते हुए लोग मुख्य चौराहे राजीव सर्किल पहुंचे। यहां पर एक बार के लिए जाम भी लग गया। यहां व्यापारी व लोग सडक़ पर बैठ गए और सरकार तथा केबिनेट मंत्री गोविन्दराम मेघवाल के खिलाफ नारेबाजी की गई। इसी के साथ ही यहां से लोग उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां पूर्व में खोखा यूनियन के चल रहे धरना स्थल पर जाकर एक सभा का आयोजन हुआ तथा यहां सभी व्यापारिक संगठनों के लोगों ने बाजार अनिश्चितकालीन बन्द रखने का निर्णय लिया। इसी के साथ ही सैकड़ों लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन नायब तहसीलदार सपना सोनी को दिया।

बाजार अनिश्चितकालीन बन्द
खाजूवाला में सोमवार को हुए प्रदर्शन में निर्णय लिया गया है कि बाजार पूर्णतया अनिश्चितकालीन के लिए बन्द रहेगा। जिसमें सभी संगठनों के लोगों ने लिखित व मौखिक तौर पर आश्वासन दिया है कि बाजार पूर्णतया बन्द रहेगा। जब तक सरकार मांगे नहीं मान लेगी तब तक बाजार अनिश्चितकालीन बन्द रहेगा। इसमें आपातकालीन सेवा मेडिकल स्टोर भी बन्द रहेंगे।

ज्ञापन में की मांग
उपखण्ड खाजूवाला को नवसृजित जिला अनूपगढ़ में शामिल नहीं कर, दंतौर उप तहसील को खाजूवाला तहसील में पुन: सम्मलित किए जाने व खाजूवाला को जिला बनाने की मांग की है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन दिया गया है। ज्ञापन में अवगत करवाया है कि राजस्थान सरकार द्वारा विधानसभा सत्र में 17 मार्च को राज्य में नए 3 सम्भाग व 19 जिलों की घोषणा की गई थी। जो राज्य के विकास में स्वागत योग्य है। अनूपगढ़ को जिला बनाया गया है। रामलुभाया की कमेटी के परिसीमन अनुसार उपखण्ड खाजूवाला को तोडक़र नवसृजित जिला अनुपगढ़ अनुपगढ़ में शामिल किया गया है। जिससे खाजूवाला को काफी नुकसान है। जिसके कारण राज्य सरकार के प्रति लोगों में भारी आक्रोष भी है।

इन संगठनों ने दिया समर्थन
खाजूवाला में सोमवार को बार एसोसिएशन खाजूवाला, कपड़ा यूनियन, परचुन किरयाणा यूनियन, सब्जी मण्डी, विश्वकर्मा यूनियन, खोखा यूनियन, स्वर्णकार यूनियन, मेडिकल एसोसिएशन, इलैक्टीक मार्के ट यूनियन, सैन समाज, अनाज मण्डी, बर्तन यूनियन, मोबाईल यूनियन, बिल्डिंग मेटेरियल यूनियन, भारतीय किसान संघ, ईंट भट्टा यूनियन, बीडी-पान यूनियन व आटा चक्की यूनियन ने लिखित व मौखिक तौर पर समर्थन दिया है।

ये रहे उपस्थित
धरना प्रदर्शन में कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी साहबद्दीन पडि़हार, सरपंच चेतराम भाम्भू, सीसीबी चेयरमैंन भागीरथ ज्याणी, व्यापार मण्डल अध्यक्ष मोहनलाल सिहाग, रामकिशन कस्वां, प्रधान प्रतिनिधि धर्मपाल बिरड़ा, पुरूषोतम सारस्वत, बार संघ अध्यक्ष सलीम खां, प्रह्लाद तिवाड़ी, कुन्दन सिंह राठौड़, रामकुमार गोदारा, ओम राजपुरोहित सहित दर्जनों मण्डी के गणमान्य तथा किसान, व्यापारी व अनेकों संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

व्यापारियों व युवाओं ने निकाली कैंडल मार्च
खाजूवाला मंडी में सोमवार रात्रि को व्यापारियों व युवाओं ने खाजूवाला को अनुपगढ जिले में शामिल करने के विरोध स्वरूप केंडल मार्च तथा मोबाइल फल्स लाइट जला कर विरोध प्रदर्शन किया।
हाल ही में राज्य सरकार द्वारा 19 नए जिले बनाये गए है। जिसमे खाजूवाला को अनूपगढ़ जिले में शामिल किया गया है। जिसके विरोध स्वरूप सोमवार को खाजूवाला का बाजार बंद रहा। वही पूरे दिन प्रदर्शन जारी रहा। इसी क्रम में सोमवार देर शाम को खाजूवाला के व्यापारियों व युवाओं ने केंडल मार्च निकाला साथ ही सदर बाजार चौक पर मोबाईल की फल्स लाइट जला कर विरोध व्यक्त किया। व्यापारियों ने मोटरसाइकिल पर बाजार में जुलूस निकाला तथा सरकार के इस फैसले के खिलाफ नारेबाजी भी की।