











सरकारी अफसर पति ने पत्नी को दिलाई फर्जी नियुक्ति, हर महीने 1.60 लाख वेतन हड़पने का ACB जांच में हुआ बड़ा खुलासा
R.खबर ब्यूरो। जयपुर, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग (डीओआइटी) के संयुक्त निदेशक प्रद्युमन दीक्षित पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी पूनम दीक्षित को राजकॉम्प इंफो सर्विसेज लिमिटेड (RISL) में फर्जी तरीके से नियुक्त दिखाकर हर माह 1.60 लाख रुपए का वेतन उठाया। हैरान करने वाली बात यह है कि पूनम दीक्षित की उपस्थिति और वेतन बिलों पर हस्ताक्षर खुद प्रद्युमन दीक्षित ही करते थे।
इस मामले में परिवादी टी.एन. शर्मा ने एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) में प्रद्युमन दीक्षित, उनकी पत्नी पूनम दीक्षित और उपनिदेशक राकेश कुमार के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत पर एसीबी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
फर्जी नियुक्ति का खेल:-
शिकायत के अनुसार, प्रद्युमन दीक्षित ने एक निजी कंपनी ऑरियनप्रो को सरकारी ठेकों में अनुचित लाभ दिलाया। इसके बदले कंपनी ने उनकी पत्नी पूनम दीक्षित को राजकॉम्प में फर्जी नियुक्ति दी।
अप्रैल 2019 से लेकर अब तक पूनम दीक्षित के खाते में हर महीने तय वेतन जमा कराया जाता रहा, जो वर्तमान में 1.60 लाख रुपए प्रतिमाह था।
क्या है राजकॉम्प:-
राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड राजस्थान सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग (DOIT) के अधीन कार्य करती है। यह राज्य सरकार की विभिन्न आईटी परियोजनाओं के लिए कंसल्टेंसी और तकनीकी सेवाएं प्रदान करती है।
एसीबी की जांच में खुलासा:-
एसीबी ने जांच के दौरान पूनम दीक्षित के बैंक खातों का रेकॉर्ड जब्त किया। जांच में यह सामने आया कि प्रद्युमन और पूनम का संयुक्त बैंक खाता एसबीआई तिलक मार्ग शाखा में है, जिसमें नियमित रूप से बड़ी रकम ट्रांसफर होती रही।
वर्ष 2017 से 2019 के बीच इस खाते में 25-25 हजार की करीब 15 संदिग्ध ट्रांजेक्शन दर्ज की गई हैं।
कभी ऑफिस नहीं आईं, फिर भी नियमित वेतन:-
जांच में यह भी सामने आया कि पूनम दीक्षित कभी राजकॉम्प कार्यालय नहीं गईं, फिर भी उनकी उपस्थिति प्रद्युमन दीक्षित द्वारा सत्यापित की जाती थी। इस तरह फर्जी उपस्थिति दिखाकर नियमित वेतन जारी किया गया।
अब तक पूनम के खाते में करीब 50 लाख रुपए जमा हो चुके हैं।
एक और कंपनी से भी ट्रांजेक्शन:-
इसी अवधि में ट्राइज़ीन सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने भी पूनम के खाते में रकम ट्रांसफर की। यह कंपनी ई-कनेक्टर नामक संस्था के माध्यम से काम कर रही थी, जिसे प्रद्युमन दीक्षित ने ही ठेका दिलाया था। आरोप है कि इसके बदले पूनम के खाते में राशि रिश्वत के तौर पर भेजी गई।

