बिना लीज के निकाल रहे जिप्सम, छतरगढ़ में अवैध जिप्सम का खनन


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छतरगढ़, राज बदला गया, नेता और पार्टियां बदल गई, लेकिन छतरगढ़ क्षेत्र में जिप्सम का अवैध खनन नहीं रुका। प्रदेश में भाजपा सरकार बने तीन माह हो चुके हैं, लेकिन सरकार की सख्ती महज खानापूर्ति साबित हो रही है। छतरगढ़ क्षेत्र में जिप्सम माफिया को प्रशासन व पुलिस का जरा सा भी भय नहीं है। यहां दिनदहाड़े बिना लीज के खातेदारी भूमि से अवैध रूप से जिप्सम निकालकर बेचा जा रहा है। छतरगढ़ के चक 17 एलकेडी में जिप्सम का अवैध खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। यहां सरकार की ओर से कोई स्वीकृत जिप्सम परमिट जारी नहीं है। बावजूद इसके यहां से अवैध रूप से जिप्सम का खनन किया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं ने खनन विभाग उदयपुर में भी शिकायत दर्ज करवाई है, लेकिन प्रशासन कुछ सुनने को तैयार ही नहीं है। हालांकि नियम तो यह कहता है कि यदि किसी खातेदारी भूमि से अवैध रूप से खनन की शिकायत मिलती है और खनन किया पाया जाता है, तो तुरन्त प्रभाव से उस खेत की खातेदारी निरस्त कर दी जाती है। लेकिन ने इन माफियाओं मौन स्वीकृति दे रखी है। इस संबंध में बुधवार को ग्रामीणों के एक शिष्टमंडल ने खनन विभाग बीकानेर के उच्च अधिकारियों को शिकायत दर्ज करवाई है।

मौके का लिया जाएजा:-
छतरगढ क्षेत्र के चक 17 एलकेडी में खातेदारी जमीन से जिप्सम निकालने की जानकारी मिली थी। इस पर विभाग ने एक टीम में राजस्व पटवारी को साथ लेकर मौके का जायजा लिया। खातेदारी जमीन से बिना अनुमति के निकाले गए जिप्सम मामले को लेकर राजस्व विभाग को जमीन की खातेदारी निरस्त करने के लिए लिखा जाएगा।
एम.पी. पुरोहित, खनन विभाग, बीकानेर

उपखंड क्षेत्र की 17 एलकेडी में जिप्सम खनन की जानकारी मिली है। इसको लेकर छतरगढ़ राजस्व तहसीलदार से मामले की पूरी जानकारी मांगी है।
यश चौधरी, प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी, एसडीएम छतरगढ़

खनन विभाग बीकानेर को खातेदारी जमीन से जिप्सम के खनन को लेकर तुरंत मौका स्थिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए पाबंद किया गया है।
राजकुमारी, राजस्व अधिकारी, छतरगढ़