हरमाड़ा हादसा: डंपर चालक के साथ ये भी हादसे के जिम्मेदार, कलक्टर की जांच रिपोर्ट में खुलासा

R.खबर ब्यूरो। जयपुर, हरमाड़ा के न्यू लोहामंडी रोड पर 3 नवंबर को हुए डंपर हादसे को सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि कई स्तरीय लापरवाहियों का परिणाम माना गया है। जिला प्रशासन द्वारा गठित अतिरिक्त जिला कलक्टर (साउथ) की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने पाया कि घटना का कारण चालक की नशे में ड्राइविंग, सड़क डिजाइन की खामियां और ट्रैफिक पुलिस का अभाव रहा। हादसे में 15 लोगों की जान गई थी और 11 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

हादसा कैसे बना इतना बड़ा:-

जांच रिपोर्ट में बताया गया कि तेज रफ्तार डंपर चालक कल्याण मीणा ने पहले एक कार को टक्कर मारी। वाहन को रोकने के बजाय वह करीब 700 मीटर तक रॉन्ग साइड में डंपर दौड़ाता रहा। डिवाइडर कट से सही लेन में आते ही उसने एक बाइक को टक्कर मारी और फिर अनियंत्रित गति में पांच कारों और आठ दोपहिया वाहनों को कुचल दिया। अंत में डंपर दिल्ली-अजमेर एक्सप्रेस हाईवे के पास एक ट्रेलर से टकराकर रुका। मेडिकल जांच में चालक के शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई, जिसे दुर्घटना का प्रमुख कारण माना गया।

ट्रैफिक पुलिस की अनुपस्थिति भी बनी कारण:-

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मौके पर ट्रैफिक पुलिस की सक्रिय मौजूदगी होती, तो इतने बड़े स्तर की दुर्घटना को रोका जा सकता था। रॉन्ग-साइड ड्राइविंग, अवैध बजरी डंपरों की पार्किंग, अव्यवस्थित कट्स, सड़क का खराब डिजाइन और नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई का अभाव – ये सभी कारण इस रास्ते को दुर्घटना-जोखिम वाला बना रहे थे।

समिति ने दिए ये अहम सुझाव:-

रिपोर्ट में भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तात्कालिक सुधारों की सिफारिश की गई है—

  • लोहामंडी टी-पॉइंट का तकनीकी रूप से पुन: डिजाइन
  • एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी से सड़क डिजाइन की जांच व स्वीकृति
  • जेडीए द्वारा सड़क सीमा से अतिक्रमण हटवाना
  • ट्रैफ़िक लाइट, स्पीड ब्रेकर और सूचना बोर्ड लगाना
  • सड़क किनारे लगे ट्रांसफॉर्मर व बिजली के खंभे हटाना
  • अनधिकृत वाहन पार्किंग पर सख्त कार्रवाई
  • रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त तैनाती
  • 14 नंबर पुलिया तक नियमित गश्त की व्यवस्था
  • सर्विस लेन में विपरीत दिशा में चलने वाले वाहनों पर पाबंदी
  • 100 फीट रोड पर मीडियन कट्स का पुन: डिजाइन
  • एंबुलेंस, दमकल आदि के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाना
  • सेक्टर रोड के बचे हुए 620 मीटर का काम जल्द पूरा करना
  • हाईटेंशन लाइन को सिंगल पोल में परिवर्तित करना
  • रिंग रोड से जुड़े मार्गों पर गति नियंत्रण के लिए सीमेंट-डामर स्पीड ब्रेकर बनाना